दिल्ली : सावन का महीना आ चुका है. 4 जुलाई से सावन की आरंभ होने वाली है. सभी लोग अपने-अपने उपायों से भगवान शिव की पूजा और अराधना करेंगे. एक तरफ युवक-युवतियां जहां अपने करियर को बनाने और पैसे के पीछे पड़े हुए हैं. वहीं सिरोही जिले के आबू रोड में देशभर से आई 400 से अधिक लड़कियां ब्रह्माकुमारी बन चुकी हैं. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इन स्त्रियों ने शिवलिंग को वरमाला पहनाया और शिवलिंग के सात फेरे लेकर ब्रह्माकुमारी बन गईं. अब उनका पूरा जीवन परमात्मा की याद और इन्सानियत की सेवा में गुजरेगा.
400 लड़कियां बनी ब्रह्मकुमारी
इस कार्यक्रम के दौरान लड़कियों के माता-पिता और सम्बन्धी भी मौजूद थे. ब्रह्माकुमारी संस्थान के आबू रोड स्थित डायमंड हॉल में इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सबसे खास बात यह है कि जो लड़कियां ब्रह्माकुमारी बनी हैं वे सभीं पढ़ीं-लिखी हैं. किसी ने एमए, एमफिल तो किसी ने सीए की पढ़ाई की है. साथ ही कई लड़कियां ऐसी हैं जो लाखों रुपये के पैकेज को छोड़कर यहां आईं और ब्रह्माकुमारी बन गईं. इस कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी, बीके संतोष समेत कई पदाधिकारी उपस्थित थीं.
भगवान शिव को पहनाया वरमाला
गौरतलब है कि विश्व की सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था ब्रह्माकुमारीज का प्रबंधन हमेशा महिला प्रधान रहा है. यहां की बागडोर क्रमशः दादी प्रकाशमणि जी, दादी जानकी जी, दादी ह्रदयमोहिनी जी और दादी रतनमोहिनी जी ने सम्भाली है. सेंटर्स पर भी दीदीयां ही ज्ञान योग की शिक्षा देती हैं. यह दुनिया की पहली संस्थान है जिसका संचालन और मालिकाना अधिकार स्त्रियों के हाथों में है. यह संस्था पूरे विश्व के 140 राष्ट्रों में फैली है. पूरे विश्व में जितने सेवा केन्द्र हैं, वहां महिलाएं ही इनकी कर्ता-धर्ता होती है.