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Yogasana: गर्दन की चर्बी को घटाने के लिए करें ये योगासन

Sanjna Verma
6 Aug 2024 5:14 AM GMT
Yogasana: गर्दन की चर्बी को घटाने के लिए करें ये योगासन
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Yogasana योगासन: लोग बैली फैट को कम करने के लिए कई तरह के जतन करते हैं लेकिन बात जब गले के आसपास जमा चर्बी की आती है तो उसे अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। गर्दन की चर्बी और डबल चिन को आमतौर पर 'टर्की नेक' के नाम से जाना जाता है। गले में मौजूद फैट किसी भी व्यक्ति की खूबसूरती को प्रभावित कर सकता है। शरीर का पॉश्चर ठीक रखने और फिट दिखने के लिए गर्दन पर मौजूद फैट को कम करना जरूरी होता है। अगर आप भी गले पर जमा चर्बी से निजात पाना चाहते हैं तो अपने रूटिन में शामिल करें ये 2 योगासन।
भुजंगासन-
भुजंगासन को अंग्रेजी में कोबरा पोज के नाम से जाना जाता है। भुजंगासन के अभ्यास के दौरान शरीर कोबरा जैसे पोज में रहता है। इस आसन के अभ्यास से गर्दन और गले पर मौजूद एक्स्ट्रा फैट को कम करने में मदद मिलती है और व्यक्ति का वजन कम होता है। भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद अपने हाथों को सिर के दोनों तरफ जमीन से टिकाकर रखें। अब अपनी
Palms
को अपने कंधों के बराबर लाते हुए गहरी लंबी सांस लेते हुए हाथों को जमीन पर दबाते हुए शरीर को नाभि तक ऊपर की तरफ उठाएं। इस क्रम में सबसे पहले सिर,छाती और आखिर में पेट वाले हिस्से को ऊपर उठाएं। अब सिर को ऊपर की तरफ सांप के फन की तरह से खींचे। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें और वापस पुरानी स्थिति में आ जाएं। आप इस आसन का अभ्यास 3 से 7 बार कर सकते हैं।
चक्रासन-
चक्रासन को अंग्रेजी में व्हील पोज के नाम से पहचाना जाता है। यह योगासन शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में काफी प्रभावशाली है। नियमित रूप से इस योग का अभ्यास करने से गर्दन के आसपास की चर्बी को घटाने में
मदद
मिलती है। इतना ही नहीं यह बढ़ते मोटापे को दूर करने में प्रभावी हो सकता है। चक्रासन करने के लिए सबसे पहले कमर के बल लेटकर पैरों को कूल्हों के बराबर खोलकर घुटने मोड़ लें। अब तलवों को जमीन पर रखते हुए दोनों हाथों को कान के किनारों पर इस तरह रखें कि उंगलियां पैरों की तरफ आएं। इसके बाद सांस लें और कूल्हों को जितना हो सके आसमान की तरफ उठाएं और सांस छोड़ें और रुकें। अब एक बार दोबारा सांस भरें और गर्दन को नीचे लटकाते हुए हाथों और पैरों को पास लाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कुछ देर सांस लें और फिर धीरे से सामान्य हो जाएं।
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