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सर्दियों के मौसम में जरूर करें इन हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हम सबसे घरों में हमारी दादी-नानी और मांए हमें अक्सर कहती हुई सुनाई देती हैं – 'हरी सब्जी (Hari Sabji) खाया करो. हरी सब्जी खाने से खून बढ़ता है.' दादी-नानी और मां ही तो हैं, कोई डायटीशियन थोड़े ही हैं कि उनकी हर बात को मान लिया जाए और वह सच भी हो… हममें से ज्यादातर लोग यही सोचते हैं. अगर ऐसा विचार आया है तो एक बार डायटीशियन (Dietitian) से भी बात कर लीजिए. उन्हें बताईए कि आपके घर में आपको हरी सब्जी खाने के लिए मजबूर किया जाता है. साथ में ये भी बताना कि आप हरी सब्जी नहीं खाना चाहते, उनकी जबरदस्ती के कारण खाना पड़ता है. फिर देखिए आपको डायटीशियन क्या कहते हैं… अगर आप डायटीशियन के पास नहीं जाना चाहते तो हम बता देते हैं आपको डायटीशियन क्या कहेंगे. वह कहेंगे हरी पत्तेदार सब्जियां आपकी डाइट का जरूरी भाग होनी चाहिए. इन मौसमी सब्जियों का सेवन करने से आपकी सेहत अच्छी रहेगी. जब सर्दियों में हरी पत्तेदार सब्जियां खूब आती हैं तो आप इनका सेवन क्यों नहीं करना चाहते. आप अपने तरीके से हरी सब्जियां खाएं… भुर्जी बनाएं, सब्जी बनाएं, हरी सब्जी के पराठे (Hari Sabji ka Parantha) खाएं या सूप (Green Vegetable Soup) के रूप में लें… लेकिन हरी सब्जियों का सेवन जरूर करें… यहां हम आपको 4 ऐसी हरी सब्जियों के बारे में बता रहे हैं जो सेहत का खजाना हैं…
पालक – जो लोग हरी सब्जियां नहीं खाते हैं वे भी पालक किसी न किसी रूप में खा ही लेते हैं. भले ही वह पालक पनीर (Palak Paneer) हो या पालक पकोड़े (Palak Pakode). आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पालक में विटामिन के, सी, डी और डायटरी फाइबर के साथ ही आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है. पालक खाने से आप खून की कमी, बैक्टीरियल इंफेक्शन, वायरल इंफेक्शन और हार्ट डिजीज से बचे रहते हैं. यह आंखों की रोशनी, हड्डियों की मजबूती, स्किन की चमक और बालों की गुणवत्ता को भी बनाए रखता है. Also Read -
सरसों – सरसों दा साग (Sarson da Saag) और मक्के दी रोटी, इस कॉम्बीनेशन के बारे में आप अच्छे से जानते होंगे. पंजाब गए हैं, वहां के आपके दोस्त हैं या फिर हो सकता है आपने फिल्मों में इसके बारे में सुना होगा. हरी पत्तेदार सरसों में विटामिन ए, सी, ई और के प्रचुर मात्रा में होते हैं. यही नहीं सरसों में कैल्शियम, पोटेशियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, जिंक और डायटरी फाइबर भी होते हैं. सरसों की सब्जी आपकी पाचन शक्ति में सुधार करती हैं और कॉलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित रखती है. Also Read -
मेथी – अगर आप गुजराती हैं या गुजराती दोस्त हैं या गुजरात से कोई अन्य नाता है तो आपने मेथी के थेपलों (Methi ke Theple) के बारे में जरूर सुना होगा. मेथी के थेपले उत्तर भारत में मेथी के पराठों जैसे ही होते हैं. हरी पत्तेदार मेथी सेहत का खजाना है. हल्की कड़वी मेथी पोषण का खजाना होती है. इसमें डायटरी फाइबर के साथ ही प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम और मैंगनीज भी भरपूर होता है. मेथी में सभी तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. दूध पिलाने वाली माएं यदि मेथी का सेवन करती हैं तो इससे बच्चे के लिए दूध पर्याप्त मात्रा में बनता है. पुरुषों में टेस्टोस्टिरोन के स्तर पर बढ़ाने में भी मेथी की भूमिका है, जो उनके यौन जीवन के लिए बेहद जरूरी होता है. मेथी भूख को नियंत्रित करके खून में शुगर के स्तर पर सामान्य रखती है और कॉलेस्ट्रॉल को कम रखती है.
सहजन – सहजन को मोरिंगा और ड्रम स्टिक (Drum Stick) के रूप में भी जाना जाता है. इसकी पत्तियां कुपोषण के खिलाफ रामबाण इलाज हैं. सहजन के पेड़ में सूखे के समय भी स्वयं को जिंदा रखने के गुण होते हैं. इसकी पत्तियों में विटामिन, मिनरल के साथ ही कई फाइटोकैमिकल्स होते हैं. मोरिंगा की पत्तियों में आम इंफेक्शन ही नहीं डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों को भी दूर करने के गुण होते हैं.