चाणक्य नीति : इन 4 बातों का जिक्र भूलकर भी दूसरों के सामने न करें, लोग उठा सकते है फायदा

आचार्य चाणक्य का मानना था कि कुछ बातें बेशक कष्टदायी होती हैं, लेकिन वो चाहरदीवारी के अंदर रहें, उसमें ही आपकी भलाई है.

Update: 2022-06-07 02:36 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य का मानना था कि कुछ बातें बेशक कष्टदायी होती हैं, लेकिन वो चाहरदीवारी के अंदर रहें, उसमें ही आपकी भलाई है. अगर आप उन बातों का जिक्र बाहरी लोगों से करेंगे, तो वे आपके मुंह पर तो हमदर्दी दिखाएंगे और पीठ पीछे मजाक बनाएंगे. साथ ही आपकी परिस्थिति का भेद लेने के बाद मौका पड़ने पर आपका लाभ उठाएंगे. इससे आपको बड़ा खामियाजा चुकाना पड़ सकता है. यहां जानिए वो 4 बातें जिनका जिक्र भूलकर भी दूसरों से नहीं करना चाहिए.

जमीन, जायदाद या किसी अन्य विषय पर अगर आपका अपने परिवार के लोगों, भाई वगैरह से कोई मतभेद है, या आप दोनों के बीच किसी प्रकार का झगड़ा हुआ है, तो इस बात का जिक्र बाहरी लोगों से न करें. घर के मुद्दे घर में तो सुलझ सकते हैं, लेकिन बाहर जाने के बाद इनका स्वरूप बिगड़ जाता है. बाहरी लोग आपके परिवार के संबन्धों को दुश्मनी में बदल सकते हैं, साथ ही कोई बड़ा नुकसान करवा सकते हैं.
हर पति और पत्नी के बीच कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिन्हें सिर्फ उनके कमरे तक ही सीमित रहना चाहिए यानी वो बातें पति और पत्नी के अलावा किसी अन्य तक नहीं जानी चाहिए. अगर आप उन बातों का जिक्र किसी अन्य से करेंगे, आपके आपसी झगड़े और विवाद शुरू हो सकते हैं. इससे बात एक दूसरे की प्रतिष्ठा पर भी आ सकती है. इसलिए ऐसा कभी न करें.
अगर आपके पति या पत्नी में कोई अवगुण है, तो इसे किसी अन्य से न कहें. इसके अलावा अगर आपका जीवनसाथी आपसे कुछ ऐसा कह गया है, जिसे सुनकर आपको ठेस पहुंची है, तो भी इस बात को अपने तक ही रखें. बाहर कहने पर आपका मजाक बनेगा और आपकी प्रतिष्ठा में कमी आएगी.
अगर किसी स्थान पर आपको अपमानित किया गया है, तो उस अपमान का जिक्र भूलकर भी किसी से न करें. ऐसा करने पर आपकी प्रतिष्ठा तो गिरेगी ही, साथ ही लोग पीठ पीछे आपका मजाक भी बनाएंगे.
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