Mauni Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। सभी अमावस्या तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण माघ मास की अमावस्या होती है इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। मौनी अमावस्या के दिन स्नान दान व पूजा पाठ करना श्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन इसी के साथ ही अगर मौनी अमावस्या पर कुछ मंत्रो का जाप किया जाए तो पूर्वजो की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन के कष्ट भी दूर हो जाते हैं ते आज हम आपको उन्हीं मंत्रों के बारे में बता रहे हैं।
अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जाप—
ॐ श्री पितराय नम:
ॐ श्री पितृदेवाय नमः
ॐ श्री पितृभ्य: नम:
ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात् ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम: ॐ आद्य भूताय विद्महे सर्व सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति स्वरूपेण पितृ देव प्रचोदयात्
मौनी अमावस्या के शुभ मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या इस साल 29 जनवरी दिन बुधवार को पड़ रही है इस दिन का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा जो कि 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अमावस्या का दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 33 मिनट से आरंभ होगा जो कि 9 बजकर 55 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इसी तरह तीसरा शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
मौनी अमावस्या का चौथा शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से 4 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा आखिरी यानी पांचवां शुभ मुहूर्त 4 बजकर 46 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन 6 बजकर 8 मिनट पर हो जाएगा। इन मुहूर्तों में पूजा पाठ और दान पुण्य करना लाभकारी होगा।