Gupt Navratri के दौरान इन चीजों के दान से सुख-समृद्धि का वास

Update: 2025-01-27 12:47 GMT
Magh Gupt Navratri ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार वर्तमान में माघ का पवित्र महीना चल रहा है। इस दौरान पड़ने वाली नवरात्रि को माघ गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। यह नवरात्रि अन्य नवरात्रि से भिन्न होती है, क्योंकि इसमें दस महाविद्याओं की विशेष पूजा का विधान होता है। इन महाविद्याओं में मां काली, मां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला (मां लक्ष्मी) शामिल हैं। इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से आरंभ होकर 7 फरवरी तक चलेगी। ऐसे में आइए जानें कि इस नवरात्रि में किन चीजों का दान करना शुभ माना गया है और इसका सही
समय क्या है।
 माघ गुप्त नवरात्रि 2025 की अवधि और शुभ मुहूर्त
गुप्त नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। वर्ष 2025 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 9:25 से 10:46 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:56 बजे तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्तों में घटस्थापना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि में दान करें ये चीजें
अनाज का दान
मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न करने और घर में समृद्धि बनाए रखने के लिए अनाज, जैसे गेहूं, चावल, जौ आदि का दान करना शुभ होता है। इसे किसी ब्राह्मण, गरीब व्यक्ति, या जरूरतमंद को देना चाहिए। अनाज का दान घर में सुख-शांति और धन-धान्य की वृद्धि करता है।
वस्त्र और आभूषण का दान
लाल, पीले, या सफेद वस्त्र देवी को अत्यंत प्रिय हैं। इनका दान करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, छोटे सोने या चांदी के आभूषण दान करने से सौभाग्य और आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
तिल और गुड़ का दान
माघ माह में तिल और गुड़ का विशेष महत्व है। काले तिल, तिल के लड्डू, या तिल-गुड़ से बनी मिठाई का दान करना शुभ फल देता है। यह दान जीवन में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
लाल चंदन और कुमकुम का दान
देवी की पूजा सामग्री में लाल चंदन और कुमकुम का विशेष स्थान है। इन्हें दान करने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है, साथ ही देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
दान के समय मंत्र जाप
दान करते समय "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे" मंत्र का जाप करना चाहिए। माना जाता है कि इस मंत्र का उच्चारण करने से दान का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति को अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं।
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