Mauni Amavasya के दिन करें तिल से जुड़े ये उपाय, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद
Mauni Amavasya ज्योतिष न्यूज़: माघ का महीना हिंदू कैलेंडर में विशेष महत्व रखता है। इस महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहार धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इनमें मौनी अमावस्या का विशेष स्थान है। सनातन धर्म के ग्रंथों के अनुसार, मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर किसी पवित्र नदी में स्नान करना और दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पितृ देवता प्रसन्न होते हैं।
मौनी अमावस्या पर तिल से जुड़े उपाय को भी बहुत ही फलदायी बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन उपायों से न केवल जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं, बल्कि मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक में स्थान मिलने की मान्यता भी है। ऐसे में आइए जानते हैं मौनी अमावस्या पर किए जाने वाले तिल के उपाय।
तिल का दान
मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें और इसके बाद श्रद्धापूर्वक काले तिल का दान करें। माना जाता है कि तिल का दान करने से मृत्यु के बाद बैकुंठ में स्थान मिलता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
पितरों को प्रसन्न करने के लिए उपाय
पितरों की शांति के लिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना आवश्यक माना जाता है। स्नान के बाद एक लोटे में जल और काले तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही, अपने जीवन में सुख-शांति की कामना करें। यह उपाय करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और पितृ दोष दूर होता है।
शनि दोष से मुक्ति के लिए उपाय
जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष होता है, उन्हें मौनी अमावस्या पर काले तिल का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है।
मौनी अमावस्या तिथि
माघ अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जनवरी, सायंकाल 07:35 मिनट से
माघ अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी, सायंकाल 06: 05 मिनट पर
उदयातिथि के अनुसार 29 जनवरी को माघी या मौनी अमावस्या मानी जाएगी।
मौनी अमावस्या पर इन धार्मिक उपायों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को सुखमय बना सकता है और आत्मिक शांति प्राप्त कर सकता है। यह पर्व न केवल धार्मिक कर्मों का प्रतीक है, बल्कि आत्मसंयम और साधना का भी प्रतीक है।