Mauni Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। सभी अमावस्या तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण माघ मास की अमावस्या होती है इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी, इस दिन दान पुण्य करना उत्तम माना जाता है। मौनी अमावस्या पर कुंभ स्नान करना भी लाभकारी होता है ऐसा करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती है लेकिन आज हम आपको उन्हीं अशुभ मुहूर्तों के बारे में बता रहे हैं जिनमें भूलकर भी कुंभ स्नान नहीं करना चाहिए तो आइए जानते हैं।
मौनी अमावस्या का अशुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन राहु काल का समय दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से लेकर 1 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। यानी इस दिन राहु काल कुल 1 घंटा 21 मिनट तक रहेगा। उस दौरान महाकुंभ में स्नान नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति नहीं होती है और संकट का सामना करना पड़ सकता है।
स्नान दान का शुभ मुहूर्त—
ब्रह्म मुहूर्त: 04:58 AM से 05:50 AM तक
प्रातः सन्ध्या: 05:24 AM से 06:42 AM तक
विजय मुहूर्त: 02:01 PM से 02:45 PM तक
गोधूलि मुहूर्त: 05:38 PM से 06:04 PM तक
संध्या मुहूर्त: 05:40 PM से 06:58 PM तक
अमृत काल: 09:19 PM से 10:51 PM तक
निशिता मुहूर्त: 11:45 PM से 12:37 PM तक (30 जनवरी)