Mauni Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। सभी अमावस्या तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण माघ मास की अमावस्या होती है इसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी यानी आज मनाई जा रही है इस दिन पूजा पाठ के अलावा अगर संध्याकाल में कुछ कार्यों को किया जाए तो पितृदोष दूर हो जाता है और सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है, तो हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
अमावस्या की शाम करें ये काम—
ज्योतिष अनुसार अगर आप पितृदोष से परेशान है तो सफेद रंग के वस्त्र में जटा वाला नारियल, थोड़ा चावल, थोड़ी चीनी और आटा रख लें। इसके बाद 21 रूपए रखकर उस कपड़े को अच्छी तरह से बांध दें। अब घर की सभी दीवारों पर इस पोटली को टच कराएं। इसके बाद बहते जल में इसे प्रवाहित कर दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितृदोष दूर हो जाता है और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।
मौनी अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के पास जाएं। अब सूरज ढलने के दौरान पेड़ के 5 पत्ते तोड़कर पत्तों को सामने बिछा दें। इसके बाद पत्तों पर पांच अलग अलग तरह की मिठाई रख कर। सामने पंचमुखी दीपक जलाएं। अब आसन मुद्रा में बैठकर अपनी जो भी इच्छाएं है उनकी पूर्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करें। माना जाता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।