Gupt Navratri की हुई शुरुआत, यहां देखें घट स्थापना का मुहूर्त

Update: 2025-01-30 07:58 GMT
Gupt Navratri ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन नवरात्रि को खास बताया गया है जो कि साल में चार बार आती है जिसमें दो गुप्त नवरात्रि होती है। साल 2025 के पहले महीने यानी जनवरी में माघ गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
 पंचांग के अनुसार इस बार 30 जनवरी दिन गुरुवार से माघ गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो चुकी है और इसका समापन अगले महीने 7 फरवरी को हो जाएगा। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है साथ ही उपवास भी रखा जाता है इस दौरान दान पुण्य करना लाभकारी होता है, तो आज हम आपको पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 गुप्त नवरात्रि की पूजा मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि पूजन का आरंभ कलश स्थापना से हो जाता है। पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त की शुरुआत 30 जनवरी की सुबह 9 बजकर 25 मिनट से लेकर 10 बजकर 46 मिनट तक है। ऐसे में भक्तों को कलश स्थापना के लिए कुल 1 घंटे 21 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त यानी दोपहर 12 जकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। यहां भक्तों को 43 मिनट का शुभ समय मिलेगा।
गुप्त नवरात्रि के दिनों में माता की कृपा पाने के लिए दोनों ही समय दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें मंत्रों का जाप करें माता रानी की दोनों समय आरती करें और भोग भी लगाएं। माता को लौंग और बताशे का भोग प्रिय हैं इस दौरान देवी को लाल पुष्प अर्पित करें। गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी तामसिक चीजों का प्रयोग न करें। माता के लिए घी का दीपक जलाएं। गुप्त नवरात्रि को मनोकामना पूर्ति सिद्धि प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।
 आपको बता दें कि गुप्त नवरात्रि में गृहस्थ लोगों को देवी की सात्विक पूजा करनी चाहए। तामसिक पूजा केवल तांत्रिक और अघोरी करते हैं। नवरात्रि में माता की साधना के समय जप, तप और अनुष्ठान आदि करने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। लेकिन देवी को भूलकर भी आक, दूब और तुलसी अर्पित न करें।
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