मुख्यमंत्री सुक्खू बोले, रिजर्व होगा स्पीति का त्सारप चू अभ्यारण्य

Update: 2024-10-13 10:06 GMT
Shimla. शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद स्पीति में त्सारप चू संरक्षण रिजर्व अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा यह रिजर्व चंद्रताल वन्यजीव अभयारण्य और किब्बर वन्यजीव अभयारण्य के बीच एक वन्यजीव गलियारे के रूप में कार्य करेगा। मुख्यमंत्री शिमला में राज्य स्तरीय 73वें वन्यजीव सप्ताह समारोह के समापन समारोह के दौरान यह बात कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्पीति वन्यजीव विभाग की वेबसाइट और स्पीति की वनस्पतियों और जीवों पर एक पुस्तक भी लांच की।उन्होंने आयोजन स्थल पर जेआईसीए परियोजना के तहत बनाए गए स्पीति वन्यजीव प्रभाग के स्वयं सहायता समूहों के
साथ भी बातचीत की।

स्पीति के दो स्वयं सहायता समूहों ने अपने पारंपरिक उत्पादों- सीबकथॉर्न जूस, सी बकथॉर्न चाय की पत्तियां और पाउडर के साथ-साथ खद्दी जैसे बुनाई उत्पादों का प्रदर्शन किया। इन नई घोषणाओं और लॉचिंग पर, डीएफओ वन्यजीव स्पीति मंदार ज्वेरे ने कहा कि त्सारप चू जलग्रहण क्षेत्र हिम तेंदुए और इसकी विभिन्न शिकार प्रजातियों जैसे हिमालयी आईबेक्स, ब्लू शीप के संरक्षण के लिए महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। इन नई घोषणाओं और लांचिंग पर, डीएफओ वन्यजीव स्पीति मंदार ज्वेरे ने कहा कि त्सारप चू जलग्रहण क्षेत्र हिम तेंदुए और इसकी विभिन्न शिकार प्रजातियों जैसे हिमालयी आईबेक्स, ब्लूशीप के संरक्षण के लिए
महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।

डीएफओ ने कहा कि वनस्पतियों और जीवों पर वेबसाइट और कॉफी टेबल बुक के लांच से स्पीति डिवीजन के संरक्षण प्रयासों और गतिविधियों पर लोगों के बीच अधिक जागरूकता बढ़ेगी। जेआईसीए परियोजना में उनकी सक्रिय भागीदारी और रुचि के आधार पर दो जेआईसीए एसएचजी-लोटस और मानेरंग को शिमला में उनके उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए चुना गया था। इन एसएचजी को बनाने का उद्देश्य लोगों को वन क्षेत्रों पर निर्भरता कम करने के लिए वैकल्पिक आजीविका उपलब्ध करवाना है। एसएचजी के साथ जेआईसीए एफटीयू समन्वयक और रेंज वन अधिकारी ताबो भी थे।
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