ज़्यादातर लोग निशाचर का अर्थ भूत-प्रेत से लगाते हैं, पर असल में ऐसा है नहीं. निशाचर उस प्राणी को कहते हैं, जो रात को जागता है. आजकल टेक्नोलॉजी ने हमारी दिनचर्या को बुरी तरह अपनी गिरफ़्त में ले रखा है. यही वजह है बड़ी तादात में लोग रात को ठीक से सो नहीं पाते. यहां 10 संकेतों के साथ हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि कहीं आप भी रात्रि जागरण करनेवाली कैटेगरी में तो नहीं आ गए.
फ़र्ज़ कीजिए, आप एक लंबे और थकाऊ दिन के बाद घर पहुंचते हैं. आपकी आंखों में नींद तैर रही है.
पर जैसे ही आप खा-पीकर बिस्तर पर निढाल होने जाते हैं, आपको याद आता है कि अभी कुछ हल्का-फुल्का पढ़ लेना चाहिए. आप पढ़ने में व्यस्त हो जाते हैं और नींद आपसे नाराज़ होकर दूर चली जाती है.
दुर्भाग्य से हमारे समय की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी भले ही दूरियों को कम करने और अपनी बात को पूरी दुनिया तक पहुंचाने में बेहद मददगार हो, पर हमारी नींद का सबसे बड़ा दुश्मन इंटरनेट ही है. यह आपको यहां-वहां भटकाकर, नींद गली से दूर लेकर चला जाता है. आप ख़ुशी-ख़ुशी चले भी जाते हैं.
चूंकि आप सही समय पर सोते नहीं तो ज़ाहिर है आप रात को ख़ूब सारा नाश्ता भी खाते हैं. यानी अगर आपको रात को डिनर के कुछेक घंटे बाद नियमित रूप से दोबारा भूख सताए तो समझें कि आप निशाचर वाली कैटेगरी में आ रहे हैं.
जब पूरी आधी दुनिया सो रही होती है और हम बेवजह जाग रहे होते हैं, तब कुछ समय बात बेचैनी महसूस करने लगते हैं. होता यह है कि हम ग़ैर ज़रूरी यूट्यूब वीडियोज़ देख-देखकर रात बिताने लगते हैं.
एक समय ऐसा आता है, जब आप ख़ुद को बेहद असहाय पाते हैं. लगता है दुनिया में मेरा कोई अपना नहीं है. अपने बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड को मैसेज करने का मन करता है. पर चूंकि वे भी सो रहे होते हैं, आप और अकेलापन और बुरा महसूस करने लग जाते हैं.
थक-हारकर आप सोने की तैयारी करते हैं, पर नींद तो कोसों दूर खड़ी मिलती है. इसमें आपकी ही तो ग़लती है, जब वह अपने टाइम पर आई थी तो आपने ही उसे बाद में आने कहा था.