Bihar बिहार: ठंड के बावजूद प्रखंड के विभिन्न गांवों में मंगलवार को मकर संक्रांति का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस पर्व में स्नान और दान को महत्वपूर्ण माना जाता है। आज से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। खरमास के समापन पर मनाए जाने वाले मकर संक्रांति पर नदियों में स्नान और दान करने की धार्मिक मान्यता है। पंडितों का कहना है कि मकर संक्रांति पर नदियों में स्नान करना और अन्न, कंबल और घी का दान करना शुभ माना जाता है। इस पर्व में गुड़ और तिल खिलाने की पुरानी परंपरा का आज भी पालन किया जाता है।
इस अवसर पर कहीं दही-चूड़ा तो कहीं खिचड़ी खाने की परंपरा है। महिसी समेत मिथिला के कई इलाकों में मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की पुरानी परंपरा का आज भी ठीक से पालन किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में खिचड़ी को आसानी से पचने वाला भोजन माना गया है हल्दी बृहस्पति का प्रतीक है। नमक शुक्र का प्रतीक माना जाता है। हरी सब्जियों का संबंध बुध से है। खिचड़ी की गर्मी का संबंध मंगल और सूर्य से है। ऐसी भी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन नए अनाज से बनी खिचड़ी खाने से शरीर पूरे साल स्वस्थ रहता है। बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी दिनभर पतंग उड़ाकर त्योहार का आनंद लिया।