Buxar: तीन किशोरों की ट्रेन से कटकर मौत हुई

"तीनों नौवीं की छात्र थे"

Update: 2025-01-15 08:13 GMT

बक्सर: बेतिया रेलखंड की बारी टोला रेल गुमटी के समीप ट्रैक पर बैठकर ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आने से तीन किशोरों की मौत हो गयी. तीनों नौवीं की छात्र थे. घटना शाम 4.27 बजे की है. जीआरपी थानाध्यक्ष राजेश कुमार व आरपीएफ थानाध्यक्ष निरंजन कुमार ने घटना की पुष्टि की है.

रेल पुलिस ने बताया कि मृतकों में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अकबरनगर निवासी अली इमाम के पुत्र फुरकान अली (14), बारी टोला के लौकरिया में तैनात सरकारी शिक्षक अताउल्लाह मियां के पुत्र हबीबुल्लाह उर्फ समीर अली (13) और कोड़ा बेलदारी के मो. क्यामुद्दीन के पुत्र मो. शादाब (14) शामिल हैं. हादसे के बाद तीनों शव लेकर परिजन चले गए. रेल डीएसपी उमेश कुमार ने बताया कि घटनास्थल से ईयर बड्स और मोबाइल मिले हैं. आशंका है कि तीनों नाबालिग रेल ट्रैक पर बैठकर ऑनलाइन गेम खेल रहे थे. रेल पुलिस मामले की जांच कर रही है. एसडीपीओ सदर विवेक दीप ने बताया कि तीनों किशोर की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई है. सूचना पर रेल ट्रैक पर पुलिस पहुंची थी लेकिन उससे पहले परिजन शव लेकर चले गये थे. पुलिस उनके दरवाजे पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली. परिजनों को शवों का पोस्टमार्टम कराने के लिए समझाया गया. हालांकि, परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है. पुलिस लौट आई है.

परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से किया इनकार

हादसे के बाद परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. पुलिस के अनुसार, परिजनों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. थानाध्यक्ष अभिराम सिंह ने बताया कि तीनों के परिजनों ने लिखित तौर पर शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराने की बात कही. इसके बाद वरीय अधिकारियों को सूचना देकर पुलिस लौट आई.

ईयर फोन लगाकर गेम खेल रहे थे तीनों

तीनों किशोर एक निजी विद्यालय के छात्र थे. तीनों गहरे दोस्त थे. तीनों एक साथ रेलवे लाइन पर पहुंचे थे. एसडीपीओ विवेकदीप ने बताया कि तीनों किशोर कान में ईयर फोन लगाकर गेम खेल रहे थे. इसके कारण तीनों को ट्रेन के हॉर्न की आवाज नहीं सुनाई दी और तीनों की दर्दनाक मौत हो गई.

रेल ट्रैक पर रील्स बनाना या गेम खेलना खतरनाक

रेल डीएसपी के मुताबिक रेल ट्रैक पर रील्स बनाना या बैठकर गेम खेलना गैरकानूनी और खतरनाक है. ऐसा करने से युवाओं को परहेज करना चाहिए. आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. परिजनों को चाहिए कि अपने बच्चों की काउंसिलिंग कर रैल ट्रैक पर ऐसी किसी भी गतिविधियों से रोकें. ऐसा करने पर रेलने एक्ट के तहत सजा का भी प्रावधान है.

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