गोपालगंज: कहरिया गांव में हुयी मारपीट एवं हत्या के मामले में कमतौल थाना पुलिस ने बेता थाना ़फर्दबयान के तहत पांच नामजदों के विरुद्ध मारपीट एवं हत्या का मामला दर्ज किया है.
दर्ज प्राथमिकी फर्द बयान में कहरिया गांव निवासी बलिराम मिश्रा ने उल्लेख किया है कि बीते के अपराह्न करीब एक बजे उसकी मां गोदावरी देवी, पत्नी पूनम मिश्रा, वह और उसका भतीजा नीलांबर मिश्रा सभी अपने अपने कमरे में आराम कर रहे थे. तभी अचानक पूर्व से चले आ रहे भूमि विवाद को लेकर गांव की ही मीरा देवी अभिराम मिश्रा उर्फ गगलू मिश्रा, सत्यम मिश्रा, गुड़िया देवी उर्फ फूल मिश्रा सभी घर में घुस गये. मां के कमरे से चीखने की आवाज आने पर मैं और मेरा भतीजा उनके कमरे में दौड़ कर गए. वहां देखे कि मां को अभिराम मिश्रा उर्फ गगलू मिश्रा पकड़े हुए थे और मीरा देवी जान मारने की नीयत से चाकू से मार रही थी. जब हमलोगों ने मां को बचाने की कोशिश की, तो मुझे एवं मेरे भतीजा पर भी चाकू से हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. इसी बीच जब मेरी पत्नी बचाने दौड़ी, तो उसे तेज नारायण मिश्रा एवं गुड़िया देवी उर्फ फूल मिश्रा ने लाठी डंडा से मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. हम सभी ज़ख्मियों को स्थानीय लोगों के सहयोग से दरभंगा डीएमसीएच में बीते को ही भर्ती कराया गया. जहां इलाज के क्रम में उसकी मां गोदावरी देवी को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. बाद बांकी का इलाज डीएमसीएच दरभंगा में जारी है. इधर बीते को घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस निरीक्षक सह कमतौल थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने सदल बल घटना स्थल पर पहुंच कर तेज नारायण मिश्रा, अभिराम मिश्रा उर्फ गगलू मिश्रा, गुड़िया देवी उर्फ फूल मिश्रा एवं सत्यम कुमार (16) को हिरासत में ले लिया था, जिन्हें पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय के सुपुर्द कर दिया गया.
थानाध्यक्ष ने यह भी बताया कि इस मामले के पांचवे नामजद भी जख्मी है, जिनका उपचार डीएमसीएच में किया जा रहा है. पुलिस निगरानी कर रही है. इस मामले का अनुसंधान स्वयं कमतौल थानाध्यक्ष कर रहे हैं.
डीएम के आदेश के बावजूद नहीं हो रही फर्जी जेनरेटर बिल की जांच
चार अस्पताल एवं एक एएनएम कॉलेज के जनरेटर बिल भुगतान में हुई कथित बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जांच डीएम राजीव रौशन के देने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ठंडे बस्ते में डाल दिया है. डीएम के आदेश के करीब एक माह से अधिक होने के बावजूद जांच कार्य शुरू नहीं किया गया है.
जानकारी के मुताबिक नवादा के विनय कुमार झा ने अनुमंडल अस्पताल बेनीपुर, पीएचसी बहेड़ा, महिनाम एवं रमौली एपीएचसी सहित एएनएम कॉलेज बेनीपुर में प्राइवेट एजेंसी से जेनरेटर चलाए जा रहे. जनरेटर के बिल भुगतान में करोड़ों रुपए के गोलमाल करने का आरोप लगाकर आवेदन दिया है. आवेदक ने कहा है कि जेनरेटर संचालक पैसा और पैरवी के बदौलत जांच कार्य को प्रभावित कर रहा है. उन्होंने कहा पहले बेनीपुर एसडीएम को गत् 30 अक्टूबर 2024 को आवेदन दिया गया. जांच का आदेश अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक को दिया गया. एसडीएम द्वारा जांच का आदेश के 75 दिन होने के बावजूद ठंडा बस्ता में डाल दिया गया. जांच कार्य शुरू नहीं होने पर आवेदक गत् 28 अक्टूबर 2024 को सीएस को आवेदन दिया. 22 दिनों तक जांच की प्रतिक्षा के बाद कोई पहल नहीं होने पर डीएम को 18 नवंबर को आवेदन मिलने पर 20 नवंबर को जांच का आदेश डीएम ने दिया. सीएस ने जांच टीम गठित तो की लेकिन अब तक जांच शुरू नहीं हुई है.
सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार ने जांच शुरू होने के संबंध में पूछने पर बताया कि जांच टीम के एक अधिकारी छुट्टी पर चले गये थे. इसीलिए जांच में विलंब हुआ. उन्होंने कहा कि तीन-चार दिनों में पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी.