Siwan: दुर्गावती जलाशय से नहरों में नहीं छोड़ा गया पानी, सिंचाई हुई प्रभावित

इसे लेकर किसानों मंल काफी आक्रोश है

Update: 2025-01-15 07:42 GMT

सिवान: रबी फसलों की सिंचाई के लिए अब तक दुर्गावती जलाशय से नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया. ऐसे में सिंचाई के अभाव में रबी फसलें प्रभावित हो रही हैं. बताया जाता है कि किसानों द्वारा कड़ी मेहनत के बाद निर्धारित समय में रबी की बुआई की गई है. उन्हें सिंचाई की जरूरत पड़ी तो दुर्गावती जलाशय से पूर्वी नहर में अब तक पानी नहीं छोड़ा गया है. जिससे गेहूं की फसलें की खराब होने की संभावना जतायी जा रही है. हालांकि किसानों ने विभागीय अधिकारियों से कई बार पानी छोड़ने की गुहार लगायी. लेकिन, अब तक एक बूंद भी पानी नहीं छोड़ा गया है. जबकि दुर्गावती जलाशय में पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. इसे लेकर किसानों मंल काफी आक्रोश है.

किसानों की मानें तो पहाड़ी क्षेत्रों में धान की कटाई के बाद किसी तरह अपने साधनों से गेहूं बुआई की थी. सोंचे कि पटवन के लिए दुर्गावती जलाशय से पानी मिलेगा. लेकिन, पानी नहीं मिला. यदि निर्धारित समय-सीमा के अंदर गेहूं की सिंचाई नहीं हुई तो उत्पादन पर असर पड़ेगा. विदित हो कि जिले के चेनारी, शिवसागर व सासाराम प्रखंड के दक्षिणी भाग के अधिकांश किसान दुर्गावती जलाशय पर आश्रित हैं. लेकिन, गेहूं बुआई के बाद एक बार भी जलाशय से पानी नहीं छोड़ा गया. गौरतलब हो कि 32 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में नहर फैली है. जबकि दुर्गावती डैम से करीब छह हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है. वहीं कैमूर जिले की कुदरा वितरणी व मुख्य नहर से करीब 12 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है. बताया जाता है कि कैमूर जिले को रबी फसल की सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया है, लेकिन, रोहतास के लिए नहीं. ऐसे में जिले के किसानों में आक्रोश है. शिवसागर प्रखंड के खटोलिया गांव के किसान मोनू कुमार ने बताया कि इस बार धान की पैदवार बेहतर हुई है. क्योंकि दुर्गावती जलाशय से समय-समय पर पानी छोड़ा गया था. लेकिन गेहूं के पटवन के लिए पानी नहीं छोड़ा गया है. पटवन के अभाव में गेहूं के पौधे विकास नहीं कर रहे हैं.

रबी फसलों के लिए नहरों से पानी नहीं छोड़ा जाता है. खरीफ फसल में पानी छोड़ा गया था. रबी फसलों के लिए पानी छोड़ने से संबंधित किसानों से आवेदन मिलता है तो उस पर विचार किया जाएगा. दुर्गावती डैम में पानी पर्याप्त है. -कुमार मनोज गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, दुर्गावती जलाशय

Tags:    

Similar News

-->