मुंगेर: इस माह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रस्तावित प्रगति यात्रा में 100 बेड का सदर अस्पताल तो शुरू हो जायेगा, लेकिन फिलहाल सर्जन, ईएनटी डाक्टर एवं आधुनिक उपस्करों की कमी से मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में कोई खासअंतर नहीं आने वाला नहीं दिखता.
गौरतलब है कि सदर अस्पताल स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सदर अस्पताल परिसर में चारमंजिला 100 बेड का मॉडल अस्पताल बनाया गया है. आकर्षक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मॉडल अस्पताल में उपचार के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं. मॉडुलर ऑपरेशन थियेटर, ट्रामा सेन्टर भी बनाया जा रहा है. परंतु मरीजों का किसी भी प्रकार का ऑपरेशन करने के लिए एक भी सर्जन सदर अस्पताल में नहीं है. जबकि सदर अस्पताल में सर्जन चिकित्सक के दो पद स्वीकृत हैं. पिछले चार साल में कई सर्जन अस्पताल को मिले परंतु सब त्याग पत्र देकर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं. जिस कारण पेट में पथरी, हर्निया, हाइड्रोसिल, गन शॉट या दुर्घटना में घायल हुए मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पाता है.
पिछले तीन साल से सदर अस्पताल में सर्जन चिकित्सक नहीं हैं, जिस कारण मरीज का ऑपरेशन नहीं हो रहा है. ऐसे में सुविधा संपन्न मॉडल अस्पताल में मरीजों को ऑपरेशन की सुविधा मिल पाना हाल फिलहाल के दिनों में असंभव प्रतीत होता दिख रहा है. जबकि 100 बेड का मॉडल अस्पताल बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है. प्रगति यात्रा पर मुंगेर आगमन के दौरान मुख्यमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन संभावित है.
सौ बेड का मॉडल अस्पताल बनाया गया
बोले सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि जिले में चिकित्सकों का अभाव है. स्वीकृत चिकित्सक के विरुद्ध काफी कम संख्या में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं. सर्जन चिकित्सक समूचे जिले में नहीं है. मॉडल अस्पताल में सर्जन चिकित्सक का पदस्थापन के लिए विभाग से पत्राचार कर डिमांड किया गया है. जल्द सर्जन मिलने की उम्मीद की जा रही.
32 चिकित्सकों के बदले मात्र 23 ही कार्यरत
सदर अस्पताल में चिकित्सकों का 32 पद स्वीकृत है. इसके एवज में 02 आयूष चिकित्सक मिलाकर कुल 23 डाक्टर कार्यरत हैं. इसमें भी कई रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं. सदर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट, ईएनटी, चर्म रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. कार्डियोलॉजिस्ट चिकित्सक भी नहीं है, अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि कार्डियोलॉजिस्ट मेडिकल कॉलेज में रहते हैं.
ईएनटी ओपीडी बना,छह साल डॉक्टर ही नहीं
मॉडल अस्पताल में अलग से ईएनटी ओपीडी बनाया गया है. परंतु सदर अस्पताल में पिछले छह वर्षों से ईएनटी विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं. हालांकि खड़गपुर पदस्थापित ईएनटी चिकित्सक से 02 दिन ओपीडी करने का अनुरोध किया है.