अचार की एक सबसे अच्छी बात यह है कि इसे आप बहुत सारी चीज़ों से बनाकर उनकी शेल्फ़ लाइफ़ बढ़ा सकते हैं, जैसे फल, सब्जी और यहां तक कि सीफ़ूड और ड्राय फ्रूट्स को भी अचार के रूप में ढाल सकते हैं, जो खाने में काफ़ी स्वादिष्ट लगते हैं और लंबे समय तक टिके भी रहते हैं. अचार बनाने का रिवाज़ सदियों से चला आ रहा है और अचार बनाने की सामग्री पर निर्भर करता है कि उसमें किस तरह की प्रिज़र्वेटिव टेक्नीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
भारत में मुख्यत: तीन तरीक़े से अचार बनाया जाता हैं-सिरका में, नमक में या फिर सरसों या तिल के तेल में. अचार बनाने की मुख्य सामग्री को सबसे पहले धूप में सुखाया जाता है फिर उसमें एक या एक से अधिक सामग्रियों का इस्तेमाल करके सुरक्षित किया जाता है जैसे नमक, मसाले, ब्राइन (एक तरह का नमकीन पानी). इस ट्रीटेड फ़ूड को एक एयरटाइट जार में रखा जाता है (एयरटाइट जार में इसलिए ताकि अचार तक नमी ना पहुंचे, क्योंकि नमी की वजह से अचार ख़राब हो सकता है) और कुछ दिनों के लिए धूप में छोड़ दिया जाता है. अचार बनाने का सही मौसम गर्मियों को माना जाता है, क्योंकि उस समय आम और अचार बनानेवाले कई फल और सब्ज़ियां मौजूद होती हैं और अच्छी धूप भी रहती है, जो अचार के लिए ज़रूरी है.
हालांकि अचार बनाना आसान तो नहीं होता है, लेकिन स्वास्थ्य से जुड़े इसके बहुत सारे लाभ हैं, जिनकी वजह से थोड़ी मेहनत की जा सकती है. चूंकि अचार एक तरह का फ़र्मेंटेड फ़ूड है इसलिए इसमें प्रोबायोटिक मौजूद होते हैं, जो पेट के लिए लाभदायक होते हैं, इसके साथ ही इसमें स्थानीय मसालों का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो हमारी बॉडी की सिस्टम के लिए फ़ायदेमंद होते हैं. अचार में कैलोरी भी कम होती है. घर पर अचार बनाना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि आप इसमें अच्छी क्वॉलिटी की वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं, वहीं दुकान से ख़रीदा गया अचार शायद ही अच्छी क्वॉलिटी का मिले.
साथ ही इसमें नमक और मसालों की मात्रा भी अधिक रहती है, इसलिए जिन लोगों को ब्लडप्रेशर और कार्डियोवैस्क्यूलर समस्याएं होती हैं, उन्हें अचार खाने से बचना चाहिए. वैसे भी अचार का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए. इसे खाने के साथ लें और बिल्कुल छोटा टुकड़ा लें.
यूरोप और अमेरिका के कुछ हिस्सों में आमतौर पर ककड़ी, मूली, गाजर और पत्तागोभी जैसी सब्ज़ियों से अचार तैयार किया जाता है, जिसमें लहसुन, सोआ, होलोपिनोज़ जैसे मसालों और हर्ब्स का अधिक इस्तेमाल होता है. कोरिया में किमची को ट्रेडिशनल साइड डिश, जो सॉल्टेड और फ़र्मेन्टेड सब्जि़यों जैसे पत्तागोभी और मूली से तैयार की जाती है, वहीं जर्मनी की डिश सॉरवक्रॉट बनाने के लिए भी इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है.
लहसुन का अचार
लहसुन का अचार स्वास्थ्य के काफ़ी लाभदायक होता है और इसे बनाना भी बहुत आसान है, जिसे आप महीनों स्टोर कर सकते हैं.
सामग्री:
लहसुन की 30 कलियां, छीली व बारीक़ कटी हुईं
1/2 टीस्पून हल्दी पाउडर
1/2 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर
1 टीस्पून मेथी का दाना
1/2 टेबलस्पून जीरा
1/2 टेबलस्पून धनिया के दाने
40 मिली ताज़े नींबू का रस
80-100 मिली तेल, अपनी पसंद के अनुसार
नमक स्वादानुसार
विधि
· एक पैन में मेथी के दाने, जीरा और धनिया डालकर अच्छी तरह से भुन लें और ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को पीसकर पाउडर बना लें.
· एक दूसरे पैन में 25-30 मिली तेल डालें. तेल गर्म होने के बाद उसमें कटी हुई लहसुन की कलियां डालें और कुछ देर तक पका लें. इसके बाद तैयार किए गया पाउडर डालें और उसे भी कुछ देर तक पकाएं.
· अब उसमें नमक, लाल मिर्च पाउडर और नींबू का रस डालें और सभी सामग्रियों को पकाकर एक गाढ़ा मिश्रण तैयार कर लें.
· अब बचा हुआ तेल भी डाल दें और 10 मिनट तक और पकाएं. मिश्रण को फ़्लेम के नीचे उतारें और ठंडा होने के बाद एयरटाइट जार में डालकर दें.