योग टिप्स: योग से ठीक हो सकती है बवासीर की समस्या

Update: 2024-10-25 01:29 GMT
योग टिप्स: बवासीर नियमित शौच न होने से कब्ज की परेशानी के कारण हो सकता है। इसमें खून का आना, जलन व खुजली, गुदा क्षेत्र में मासूलों में सूजन आना लक्षण है। बवासीर की समस्या को दूर करने के लिए योग फायदेमंद हो सकता है। योग से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, तनाव कम, पेल्विक फ्लोर कम, पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है, जिससे बवासीर की समस्या में आराम मिल सकता है। इस लेख में जानिए बवासीर की समस्या को बिना दवा दूर करने वाले योगासनों के बारे में।
धनुरासन
धनुरासन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेट कर दोनों पैरों को मोड़कर ऊपर की ओर ले जाएं। दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकड़कर सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की ओर खींचें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
मार्जरासन
इस आसन के अभ्यास के लिए दोनों हाथों और घुटने जमीन पर रखते हुए हिप्स के नीचे और कंधे व कुहनियों को एक सीध में रखें। गर्दन और सिर को सीध में रखते हुए मेरुदंड को न झुकने दें। शरीर का भार हथेलियों और घुटनों पर समान रूप से डालते हुए कमर को छत की दिशा में उठाएं। गहरी सांस लें और कमर को ऊपर उठाएं। सिर को छत की दिशा में उठाएं।
बद्ध कोणासन
बद्ध कोणासन के अभ्यास से थकान व तनाव की समस्या नहीं होती और साइटिका व हार्निया में भी फायदा मिलता है। इस आसन के अभ्यास के लिए पैर सीधा करके बैठ जाएं। तितली आसन की तरह घुटने मोड़कर तलवे को एक दूसरे से स्पर्श करें। घुटनों को नीचे की ओर जमीन छूने तक दबाएं। इस दौरान दोनों पैरों को हाथों से पकड़ें। ध्यान रखें कि शरीर के लचीले होने तक इस आसन को करें।
उत्तानासन के अभ्यास के लिए मैट पर सीधे खड़े होकर लंबी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और दोनों हाथों से जमीन को छुएं। हाथों को नीचे जमीन पर टिकाते हुए पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस दौरान घुटनों को सीधा रखें। कुछ देर इसी पोजीशन में रहें, फिर हाथ ऊपर ले जाते हुए सांस छोड़ें और सामान्य अवस्था में खड़े हो जाएं। इस योग से नींद की समस्या भी दूर होती है।
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