World Milk Day: जानिए गोल्डन मिल्क पीना के फ़ायदे, जो शरीर में दर्द दूर करने के साथ ही घटाती है नींद की समस्या
आयुष मंत्रालय रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए पहले ही हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दे चुका है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले एक साल में देश में गोल्डन मिल्क यानी हल्दी वाला दूध पीने वालों की संख्या बढ़ी है। आयुष मंत्रालय रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए पहले ही हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दे चुका है। ज्यादातर लोग समझते हैं कि यह सिर्फ इम्युनिटी को बढ़ाता है, जबकि ऐसा नहीं है। आयुर्वेद कहता है, गोल्डन मिल्क शरीर में दर्द को दूर करने के साथ नींद की समस्या को घटाता है और शरीर पर बढ़ती उम्र के असर को कम करता है।
आज वर्ल्ड मिल्क-डे है, इस मौके पर जानिए हल्दी वाला दूध आपके कितने काम का है...
गोल्डन मिल्क कैसे बनाएं
एक कप दूध लें। इसमें एक टेबलस्पून हल्दी, एक छोटा अदरक का टुकड़ा डालें, आधा टेबल स्पून दालचीनी पाउडर और एक चुटकी काली मिर्च पाउडर डालकर गर्म करें। धीमी आंच में इसे 10 मिनट तक उबलने दें। मिठास के लिए चीनी से बेहतर विकल्प शहद है। इसलिए इसे गैस से उतारने के बाद एक टेबलस्पून शहद डाल सकते हैं।
अब जानिए इसके फायदे
सूजन और जोड़ों का दर्द घटाता है
एक रिसर्च के मुताबिक, हल्दी वाले दूध में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेट्री खूबियां होती हैं जो शरीर में सूजन को घटाती है। यही वजह है कि यह जोड़ों के दर्द और गठिया में राहत पहुंचाता है। रोजाना एक गिलास गोल्डन मिल्क लेते हैं तो बढ़ती उम्र में होने वाली समस्या ऑस्टियोआर्थराइटिस में फायदा पहुंचता है।
हृदय रोगों का खतरा 14% तक कम होता है
इंग्लैंड की रीडिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, दिल की बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा 14 फीसदी तक घटाना है तो रोजाना एक गिलास दूध पिएं। रोजाना एक गिलास दूध पीने वालों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रहता है। इसलिए दिल की बीमारियों का रिस्क कम रहता है।
ब्लड शुगर का लेवल घटता है
ऐसे लोग जिनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ है वो गोल्डन मिल्क ले सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए हल्दी, अदरक और दालचीनी पाउडर वाला दूध अधिक फायदेमंद है। ब्रिटेन में हुई एक रिसर्च में भी यह साबित हुआ है कि दूध पीने से ब्लड शुगर का लेवल नहीं बढ़ता।
कैंसर की आशंका घट जाती है
एक रिसर्च कहती है, हल्दी वाला दूध पीने से कैंसर का खतरा कम होता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व कैंसर फैलाने वाली कोशिकाओं को खत्म करने की कोशिश करता है। इनके एक से दूसरे जगह पर फैलने की क्षमता को घटाता है।