आप फ्लाइट में कभी ना कभी तो बैठे ही होंगे लेकिन आज हम आपको फ्लाइट से जुड़ी एक खास बात बताने वाले हैं। आपने कभी तो यह जरूर सुना होगा कि हवाई जहाज के इंजन पर मुर्गे फेके जाते हैं। शायद उस समय आपने इसे मजाक में लिया होगा लेकिन यह पूरे तरीके से सच है। आइए जानते हैं इसके पीछे का सही कारण।
पक्षी की और से होने वाले हमलों से बचने के लिए ऐसा किया जाता है
दरअसल, एरोप्लेन के इंजन को टेस्ट करने के लिए ऐसा किया जाता है। कई बार आपने सुना होगा कि पक्षी फ्लाई विंग्स से टकड़ा गया है। इससे हजारों लोगों की जान जा सकती हैं। ऐसे में विमान पर पक्षी से होने वाले हमले को लेकर इसकी टेस्ट की जाती है। इस दौरान इसके इंजन में चिकन गन के जरिये मुर्गों को भी फेंका जाता है। यह लोगों की सेफ्टी के लिए किया जाता हैं।
दुर्घटना से बचने के लिए किया जाता है इस्तेमाल
ऐसे टेस्ट को बड़े दुर्घटनाएं से बचने के लिए किया जाता है। एक पक्षी की वजह से विमान में बैठे सभी यात्रियों की जान खतरे में आ जाती है। कंपनी सिमुलेटर का इस्तेमाल करके ये सुनिश्चित करती है कि पक्षी के टकराने से विमान का इंजन काम करना बंद न कर दे। यह सब कुछ लोगों की सेफ्टी के लिए ही किया जाता है।
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कितने किलो चिकन का होता है इस्तेमाल
इस प्रसेस को करने के लिए करीब 2 से 4 किलो चिकन का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि इसके लिए मरे हुए चिकन को इस्तेमाल में लिया जाता है। इस टेस्ट को आज से नहीं, बल्कि सालों पहले से किया जा रहा है। इसके जरिए यह भी देखा जाता है कि इंजन में आग तो नहीं लग रही है।
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