मोटे अनाज, जो रखते हैं आपका ख़्याल

Update: 2023-07-08 15:12 GMT
हज़ारों साल से भारत में मोटे अनाज उगाने और उन्हें खानपान में शामिल करने का चलन रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से इनकी जगह बाज़ार के चटपटे खाद्य पदार्थों ने ले ली है, जिसका हर्ज़ाना हमें और हमारी सेहत को भुगतना पड़ रहा है. इन मोटे अनाजों में मुख्य तौर से बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी (मड़ुआ), सांवा, कोदो, कंगनी, कुटकी और जौ शामिल हैं, जो हर लिहाज़ से हमारी सेहत के लिए फ़ायदेमंद हैं. 1960 के दशक में हरित क्रांति के नाम पर हमने इनकी जगह गेहूं व चावल को दे दिया. लेकिन दुनिया अब इन्हीं मोटे अनाजों की तरफ़ एक बार फिर लौट रही है और बाज़ार में इन्हें सुपर फ़ूड का दर्जा दिया गया है. आइए जानते हैं कि ये मोटे अनाज हमारी सेहत को कितना फ़ायदा पहुंचाते हैं. सभी मोटे अनाजों में कैल्शियम, फ़ाइबर, विटामिन्स, आयरन और प्रोटीन की मात्रा होती है, जो हमारे भोजन को पौष्टिक बनाते हैं.
सेहत के लिए कितने फ़ायदेमंद हैं मोटे अनाज
बाजरा
प्रोटीन से भरपूर बाजरा हमारी हड्डियों को मज़बूत बनाता है. फ़ाइबर की अधिकता के कारण यह पाचनक्रिया में सहायक होता है और वज़न कम करने में भी मदद मिलती है. इसमें मौजूद कैरोटीन हमारी आंखों के लिए फ़ायदेमंद होता है. इसमें ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स की भी अच्छी मात्रा होती है, जो नींद लाने और पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करते हैं. यह कैंसररोधी भी है व ख़राब कोलेस्टेरॉल के लेवल को रोकने में मदद करता है. अफ्रीका मूल के इस अनाज में अमीनो एसिड, कैल्शियम, ज़िंक, आयरन, मैग्नीशियम, फ़ॉस्फ़ोरस, पोटैशियम और विटामिन बी 6, सी, ई जैसे कई विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है. प्रति 100 ग्राम बाजरे में लगभग 11.6 ग्राम प्रोटीन, 67.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 132 मिलीग्राम कैरोटीन पाया जाता है. बाजरे की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसके सेवन से कैंसर वाले टॉक्सिन नहीं बनते हैं.
रागी
रागी (मड़ुआ) उच्च पोषण वाला मोटा अनाज है, जिसके उपज की शुरुआत भारत से ही मानी जाती है. प्रति 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है यानी कि यह कैल्शियम से भरपूर है. रागी, डायबिटीज़ पीड़ितों के लिए भी फ़ायदेमंद होती है. इसमें मौजूद ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स नींद की परेशानी और डिप्रेशन से निकलने में भी मदद करते हैं.
ऐड द लिंक
पढ़ें रागी के और भी फ़ायदों के बारे में
ज्वार
फ़ाइबर से भरपूर ज्वार दुनियाभर में उगाया जानेवाला पांचवां सबसे महत्वपूर्ण अनाज है. वज़न कम करने और कब्ज़ को दूर करके पाचनक्रिया को दुरुस्त रखने के लिए ज्वार बढ़िया ऑप्शन है. इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों की मज़बूती देने का काम करता है, जबकि कॉपर और आयरन शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ाने और ख़ून की कमी यानी अनीमिया को दूर करने में सहायक होते हैं. गर्भवती महिलाओं और डिलिवरी के बाद के दिनों के लिए इसका सेवन फ़ायदेमंद है. इसके अलावा इसमें पोटैशियम और फ़ॉस्फ़ोरस की भी अच्छी मात्रा होती है. ज्वार का उपयोग बेबी फूड बनाने में भी होता है.
मक्का
मक्के की रोटी और साबुत भुने मक्के यानी कॉर्न से लगभग सभी लोग वाक़िफ़ होंगे. विटामिन ए और फ़ॉलिक एसिड से भरपूर मक्का दिल के मरीजों के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है. इसमें कई तरह के ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स मौजूद होते हैं, जो कैंसर सेल्स से लड़कर हमें सुरक्षित रखने में मदद करते हैं. पके हुए मक्के में ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स की मात्रा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. यह ख़राब कोलेस्टेरॉल को कंट्रोल करता है. गर्भवती महिलाओं को अपनी डायट में मक्का शामिल करना चाहिए. यह ख़ून की कमी को दूर करके गर्भ में पल रहे बच्चे को सेहतमंद रखने का काम करता है. हालांकि वज़न कम करने की कोशिश में लगे लोगों इससे परहेज़ करना चाहिए, क्योंकि यह वज़न बढ़ाने में मददगार है. इसमें कार्बोहाइड्रेट व कैलोरी अधिक मात्रा में पाई जाती है.
जौ
पोषक तत्वों से भरपूर जौ (बार्ले) हमारी शरीर को कई बीमारियों से बचाने का काम करता है. जौ में गेहूं की अपेक्षा अधिक प्रोटीन व फ़ाइबर मौजूद होता है, जिससे वज़न कम करने, डायबिटीज़ कंट्रोल करने, ब्लडप्रेशर को संतुलित करने में मदद मिलती है. जौ में आठ तरह के अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन के निर्माण में मदद करते हैं. दिल संबंधित बीमारियों के लिए भी जौ का सेवन फ़ायदेमंद होता है. यह हमारे शरीर में ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है. इसमें ख़राब कोलेस्टेरॉल को कम करनेवाले गुण भी पाए जाते हैं. इसके अलावा जौ में आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम जैसे कई महत्वपूर्ण मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए ज़रूरी पोषकतत्व होते हैं.
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