रोज़ाना एक्सरसाइज़ करने से हमारा शारीरिक और मानसिक विकास होता है. लेकिन कुछ स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां यानी हेल्थ कंडीशंस ऐसी होती हैं, जिनमें एक्सरसाइज़ और हैवी वर्कआउट नहीं करना चाहिए. इन स्थितियों में एक्सरसाइज़ करने से शरीर को फ़ायदे के बजाय नुकसान भी हो सकता है. आइए जानें कौन सी हैं वे हेल्थ कंडीशंस, जिनमें एक्सरसाइज़ करने से फ़ायदा कम और नुकसान ज़्यादा होता है.
फिटनेस ट्रेनर्स का मानना है कि बेशक फिट रहने के लिए एक्सरसाइज़ ज़रूरी है, लेकिन शरीर में किसी तरह की तकलीफ या परेशानी होने पर एक्सरसाइज़ नहीं करना चाहिए. शरीर में दर्द या तकलीफ होना इस बात का संकेत है कि आपका शरीर एक्सरसाइज़ करने के तैयार नहीं है. इसलिए अपने शरीर द्वारा दिए गए इन संकेतों को पहचानें और यह तय करें कि उस स्थिति में आपको एक्सरसाइज़ करना है या नहीं.
स्थिति नंबर 1: बुखार होने पर
यदि आपको बुखार है, तो ऐसी स्थिति में आपके लिए एक्सरसाइज़ करना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि बुखार आने पर बॉडी का इम्यून सिस्टम इन्फेक्शन से लड़ रहा होता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब भी आप एक्सरसाइज़ करते हैं, तो शरीर का तापमान बढ़ जाता है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जबकि बुखार आने पर बॉडी फ्लूइड कम हो जाता है. बुखार के कारण शरीर का तापमान और हार्ट रेट बढ़ जाता है. जिसके कारण आप अच्छी तरह से एक्सरसाइज़ भी नहीं कर पाते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि बुखार की स्थिति में एक्सरसाइज़ न करें.
स्थिति नंबर 2: थकान और कमजोरी महसूस होने पर
बढ़ते वर्क लोड या किसी अन्य कारण से यदि आपको बहुत अधिक थकान और कमज़ोरी महसूस हो, तो ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज़ करने से परहेज़ करें, क्योंकि एक्सरसाइज़ करते समय बहुत अधिक एनर्जी की ज़रूरत होती है, जबकि थकान और कमज़ोरी महसूस होने पर बॉडी में पर्याप्त मात्रा में एनर्जी नहीं होती. फिटनेस ट्रेनर्स का मानना है कि जब हम स्वस्थ होते हैं, तो एक्सरसाइज़ करने पर शरीर में एनर्जी का लेवल और बढ़ता है. जबकि थकान और कमज़ोरी महसूस होने पर एक्सरसाइज़ करने का मन भी नहीं होता है. लेकिन अगर आपको एक हफ्ते से अधिक समय तक अधिक थकान महसूस हो रही है, तो एक्सरसाइज़ करने की बजाय डाक्टर से मिलें.
स्थिति नंबर 3: कमर या पैर में दर्द होने पर
जब भी कमर और पैरों में दर्द महसूस हो, तो उस स्थिति में एक्सरसाइज़ करने से बचें. खासतौर से महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए. यदि पहले से ही कमर और पैर में दर्द है, तो एक्सरसाइज़ करने पर दर्द और ज़्यादा बढ़ सकता है. फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि पहले से ही कमर और पैरों में दर्द होने पर एक्सरसाइज़ नहीं करनी चाहिए, क्योंकि एक्सरसाइज करते समय बॉडी को स्ट्रेच और बेंड करने से दर्द और अधिक बढ़ सकता है. अत: ऐसी स्थिति से बचें. यदि दर्द बहुत अधिक दिनों तक बना रहता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.
स्थिति नंबर 4: मांसपेशियों में दर्द होने पर
यदि एक्सरसाइज़ के दौरान आपको मांसपेशियों में दर्द महसूस हो, तो 2-4 दिन के लिए एक्सरसाइज़ करना बंद कर दें और आराम करें. मांसपेशियों में दर्द होने पर भी अगर एक्सरसाइज़ करते रहेंगे, तो इससे तकलीफ और अधिक बढ़ सकती है.
स्थिति नंबर 5: नींद पूरी न होने पर
अगर आपकी नींद 1-2 दिन से पूरी नहीं हुई है, तो अगले दिन एक्सरसाइज़ बिलकुल न करें. एक्सरसाइज़ करने के लिए आपकी नींद पूरी होना ज़रूरी है. नींद पूरी न होने चिड़चिड़ापन और सिरदर्द होता है और एक्सरसाइज़ करने में भी मन नहीं लगता है. यदि अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं, तो भी एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए. इस स्थिति में एक्सरसाइज़ करने से स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है.
स्थिति नंबर 6: पीरियड्स होने पर
पीरियड्स होने पर एक्सरसाइज़ बिलकुल भी न करें. यदि करना ही चाहते हैं, तो वॉर्मअप या लाइट एक्सरसाइज़ करें. या फिर ऐसी एक्सरसाइज़ करें, जिससे पीरियड्स के दर्द में आराम मिले. पीरियड्स के दौरान भूलकर भी हैवी वर्कआउट न करें. वैसे भी इस दौरान महिलाओं में हार्मोन्स का स्तर बदलता रहता है. इस कारण से भी उन्हें एक्सरसाइज़ करने से बचना चाहिए.रोज़ाना एक्सरसाइज़ करने से हमारा शारीरिक और मानसिक विकास होता है. लेकिन कुछ स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां यानी हेल्थ कंडीशंस ऐसी होती हैं, जिनमें एक्सरसाइज़ और हैवी वर्कआउट नहीं करना चाहिए. इन स्थितियों में एक्सरसाइज़ करने से शरीर को फ़ायदे के बजाय नुकसान भी हो सकता है. आइए जानें कौन सी हैं वे हेल्थ कंडीशंस, जिनमें एक्सरसाइज़ करने से फ़ायदा कम और नुकसान ज़्यादा होता है.
फिटनेस ट्रेनर्स का मानना है कि बेशक फिट रहने के लिए एक्सरसाइज़ ज़रूरी है, लेकिन शरीर में किसी तरह की तकलीफ या परेशानी होने पर एक्सरसाइज़ नहीं करना चाहिए. शरीर में दर्द या तकलीफ होना इस बात का संकेत है कि आपका शरीर एक्सरसाइज़ करने के तैयार नहीं है. इसलिए अपने शरीर द्वारा दिए गए इन संकेतों को पहचानें और यह तय करें कि उस स्थिति में आपको एक्सरसाइज़ करना है या नहीं.
स्थिति नंबर 1: बुखार होने पर
यदि आपको बुखार है, तो ऐसी स्थिति में आपके लिए एक्सरसाइज़ करना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि बुखार आने पर बॉडी का इम्यून सिस्टम इन्फेक्शन से लड़ रहा होता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब भी आप एक्सरसाइज़ करते हैं, तो शरीर का तापमान बढ़ जाता है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जबकि बुखार आने पर बॉडी फ्लूइड कम हो जाता है. बुखार के कारण शरीर का तापमान और हार्ट रेट बढ़ जाता है. जिसके कारण आप अच्छी तरह से एक्सरसाइज़ भी नहीं कर पाते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि बुखार की स्थिति में एक्सरसाइज़ न करें.
स्थिति नंबर 2: थकान और कमजोरी महसूस होने पर
बढ़ते वर्क लोड या किसी अन्य कारण से यदि आपको बहुत अधिक थकान और कमज़ोरी महसूस हो, तो ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज़ करने से परहेज़ करें, क्योंकि एक्सरसाइज़ करते समय बहुत अधिक एनर्जी की ज़रूरत होती है, जबकि थकान और कमज़ोरी महसूस होने पर बॉडी में पर्याप्त मात्रा में एनर्जी नहीं होती. फिटनेस ट्रेनर्स का मानना है कि जब हम स्वस्थ होते हैं, तो एक्सरसाइज़ करने पर शरीर में एनर्जी का लेवल और बढ़ता है. जबकि थकान और कमज़ोरी महसूस होने पर एक्सरसाइज़ करने का मन भी नहीं होता है. लेकिन अगर आपको एक हफ्ते से अधिक समय तक अधिक थकान महसूस हो रही है, तो एक्सरसाइज़ करने की बजाय डाक्टर से मिलें.
स्थिति नंबर 3: कमर या पैर में दर्द होने पर
जब भी कमर और पैरों में दर्द महसूस हो, तो उस स्थिति में एक्सरसाइज़ करने से बचें. खासतौर से महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए. यदि पहले से ही कमर और पैर में दर्द है, तो एक्सरसाइज़ करने पर दर्द और ज़्यादा बढ़ सकता है. फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि पहले से ही कमर और पैरों में दर्द होने पर एक्सरसाइज़ नहीं करनी चाहिए, क्योंकि एक्सरसाइज करते समय बॉडी को स्ट्रेच और बेंड करने से दर्द और अधिक बढ़ सकता है. अत: ऐसी स्थिति से बचें. यदि दर्द बहुत अधिक दिनों तक बना रहता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.
स्थिति नंबर 4: मांसपेशियों में दर्द होने पर
यदि एक्सरसाइज़ के दौरान आपको मांसपेशियों में दर्द महसूस हो, तो 2-4 दिन के लिए एक्सरसाइज़ करना बंद कर दें और आराम करें. मांसपेशियों में दर्द होने पर भी अगर एक्सरसाइज़ करते रहेंगे, तो इससे तकलीफ और अधिक बढ़ सकती है.
स्थिति नंबर 5: नींद पूरी न होने पर
अगर आपकी नींद 1-2 दिन से पूरी नहीं हुई है, तो अगले दिन एक्सरसाइज़ बिलकुल न करें. एक्सरसाइज़ करने के लिए आपकी नींद पूरी होना ज़रूरी है. नींद पूरी न होने चिड़चिड़ापन और सिरदर्द होता है और एक्सरसाइज़ करने में भी मन नहीं लगता है. यदि अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं, तो भी एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए. इस स्थिति में एक्सरसाइज़ करने से स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है.
स्थिति नंबर 6: पीरियड्स होने पर
पीरियड्स होने पर एक्सरसाइज़ बिलकुल भी न करें. यदि करना ही चाहते हैं, तो वॉर्मअप या लाइट एक्सरसाइज़ करें. या फिर ऐसी एक्सरसाइज़ करें, जिससे पीरियड्स के दर्द में आराम मिले. पीरियड्स के दौरान भूलकर भी हैवी वर्कआउट न करें. वैसे भी इस दौरान महिलाओं में हार्मोन्स का स्तर बदलता रहता है. इस कारण से भी उन्हें एक्सरसाइज़ करने से बचना चाहिए.