. भारत का 90 फीसदी से अधिक इलाका हीटवेव के ‘बेहद सतर्क’ या ‘खतरे’ वाली श्रेणी में है. इसलिए लोग अपने को ठंडा रखने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. हीट स्ट्रोक और भीषण गर्मी से होने वाली थकावट के डर से लोग बहुत ठंडा पानी पी सकते हैं, गर्मी से आते ही एसी चालू कर सकते हैं, या ठंडे पानी से नहा सकते हैं. हालांकि इनमें से कुछ उपाय ऐसे हैं जो फायदा पहुंचाने की बजाय अधिक नुकसान कर सकते हैं.बहुत गर्मी में ठंडक पाने के तरीकों के बारे में फैले कई मिथकों को गतल साबित करने की कोशिश कर रहा है. जिससे इन सामान्य गलतियों से बचकर और उचित सावधानी बरतकर लोग चिलचिलाती गर्मी या चल रही लू के दौरान स्वस्थ रह सकते हैं.
जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर मुंबई में मेडिसिन के निदेशक डॉ. अल्ताफ पटेल ने ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि ठंडे पानी से नहाने से व्यक्ति को ‘जागने का एहसास’ होता है. ‘यह रक्तचाप, हृदय गति और श्वसन दर भी बढ़ाता है. यह शरीर के चयापचय को भी बढ़ावा दे सकता है, और लंबे समय तक ठंडे पानी से नहाया जाए तो आप कुछ वजन कम कर सकते हैं.’
गंभीर बीमारियों के मरीज ठंडे पानी से नहाने से करें परहेज
डॉक्टर पटेल ने गंभीर बीमारियों के शिकार कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को बहुत ठंडे पानी से नहीं नहाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि जो लोग नियमित रूप से ठंडे पानी से नहाते हैं, उनका परिसंचरण तंत्र स्वस्थ होता है और बीमार होने का खतरा कम होता है. क्योंकि ठंडा पानी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है. डॉक्टर पटेल ने कहा कि ‘ठंडे पानी से नहाने से शरीर को 30 सेकेंड से लेकर 2 मिनट तक का फायदा हो सकता है.’ हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि ‘कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली या हृदय की समस्याओं वाले लोगों द्वारा ठंडे पानी का सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए.’ ठंडे पानी से नहाने से शरीर में सूजन कम होती है. वहीं फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, फरीदाबाद के डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि ठंडे पानी से नहाने से अस्थायी रूप से त्वचा में शिराओं के सिकुड़ने के कारण गर्मी घट सकता है, जिससे आपको थोड़ी देर के लिए ठंडक महसूस होती है.
ठंडा पानी पीना: अच्छा भी और खराब भी
जसलोक अस्पताल के डॉ. पटेल ने बताया कि शरीर को ज़्यादा गरम होने से बचाने और शरीर के तापमान को कम बनाए रखने में मदद करने के लिए कसरत के दौरान ठंडा पानी पीना बहुत अच्छा होता है. ठंडा पानी परिसंचरण तंत्र को उत्तेजित करता है और महत्वपूर्ण अंगों में रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है. यह न केवल कसरत के दौरान आपको डिहाइड्रेट करने में मदद करता है, बल्कि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में भी मदद करता है और अधिक कैलोरी बर्न करता है. ठंडा पानी त्वचा में रक्त के प्रवाह को कम करता है जबकि महत्वपूर्ण अंगों तक इसे बढ़ाता है. डॉ. पटेल ने कहा कि चाहे ठंडा या गर्म या कमरे के तापमान का पानी, जो आपको सबसे अच्छा लगे वो लें और इन दिनों गर्मी से होने वाली थकावट और हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खुद को हाइड्रेट करें. उन्होंने सलाह दी कि आपकी प्राथमिकताएं जो भी हों, मगर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.
वहीं गुरुग्राम के नारायणा अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पंकज वर्मा ने बहुत ठंडे पानी से बचने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि बहुत ठंडा पानी पीने से आपके पेट में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ सकती हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम हो सकता है और पाचन धीमा हो सकता है. ‘इससे पेट में ऐंठन, सूजन और अपच हो सकता है. इसके बजाय कमरे के तापमान का या थोड़ा ठंडा पानी पिएं.’
बाहर से आने के बाद तुरंत ठंडा होना ठीक नहीं है
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद के कंसल्टेंट (इंटरनल मेडिसिन) डॉ. अनुराग अग्रवाल के मुताबिक ‘थर्मल शॉक से बचने के लिए शरीर को धीरे-धीरे ठंडा करने की सलाह दी जाती है. तेज गर्मी के से आने के तुरंत बाद बहुत ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए क्योंकि यह केवल सतही शरीर के तापमान को ठंडा करता है.’ डॉक्टरों ने गर्मी से आने के तुरंत बाद बहुत ठंडे पानी से नहाने या पूल में कूदने से बचने का भी सुझाव दिया, क्योंकि इससे लोगों को परेशानी हो सकती है. यह खतरनाक और घातक हो सकता है, जिससे गर्मी की थकावट और हीटस्ट्रोक जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसके बजाय उन्होंने गुनगुने पानी से नहाने, पंखे का उपयोग करने, या वातानुकूलित कमरे में कुछ मिनटों के लिए बैठने की सलाह दी. ताकि शरीर को समायोजित किया जा सके.