लाइफस्टाइल : इस्लामिक धर्म का सबसे पवित्र त्योहार- रमजान देश भर के मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है। पवित्र महीना 24 मार्च को शुरू हो गया है और 21 अप्रैल को समाप्त होगा और ईद-उल-फितर 21 अप्रैल या 22 अप्रैल की शाम को मनाई जाएगी। इस महीने को पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं पर फिर से गौर करने के अवसर के रूप में मनाया जाता है।
रमजान एक ऐसा उत्सव है, जिसमें बहुत कम भोजन किया जाता है। यह आध्यात्मिक विकास का समय है, अपने धर्म के संपर्क में वापस आने और दूसरों के प्रति दयालु होना सिखाता है। इसके अलावा खाने-पीने की जगह अपने अंतर्मन पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही जाती है, इसलिए 30 दिनों तक उपवास भी रखे जाते हैं। इस दौरान सूर्योदय से पहले सूर्यास्त के बाद ही कुछ खाया जा सकता है।
लेकिन मधुमेह रोगियों को इससे भी ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। रमजान के नजदीक आने और 'इफ्तारी' की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, मधुमेह रोगियों अपना खासतौर से देखभाल करने की जरूरत होती है। उनके लिए उपवास करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि इसके लिए दिनचर्या और जीवन शैली में एक महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकता होती है, जिसकी वजह से पूरे दिन सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
रोजे के दौरान अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहें: अपने ग्लूकोज के स्तर की अधिक बार जांच करना जरूरी है। आप चलते-फिरते इसे सहजता से कर सकते हैं क्योंकि पारंपरिक रक्त ग्लूकोज मीटर के अलावा अब कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) डिवाइस विकल्प उपलब्ध हैं, जिसमें उंगली चुभने की आवश्यकता होती है। उनकी दवा के साथ आवश्यक किसी भी बदलाव को समझने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना भी महत्वपूर्ण है।