बच्चों में दिखते है एचआईवी के ये लक्षण
यह वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को अटैक कर उसे कमज़ोर बना देता है,
एचआईवी और एड्स एक ही बीमारी नहीं हैं। एचआईवी एक वायरस है, तो एड्स इस वायरस के कारण होन वाली बीमारी है। यानी एड्स एचआईवी वायरस से संक्रमित होने पर हो सकता है। कई सालों की रिसर्च के बाद आज भी इस रोग का इलाज नहीं है और न ही इसकी वैक्सीन है।
एचआईवी संक्रमण के लक्षण फ्लू की तरह के ही होते हैं। वयस्कों में एचआईवी की शुरुआत बुखार, थकान, सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते, रात में पसीना आना और गर्दन, कमर व लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण दिखते हैं।
बच्चों में एचआईवी के लक्षण अलग होते हैं?
यह वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को अटैक कर उसे कमज़ोर बना देता है, जिससे हम किसी भी अन्य संक्रमण के आसानी से शिकार हो जाते हैं। हमारा शरीर किसी भी बीमारी से लड़ नहीं पाता और हम कई बीमारियों का शिकार होते चले जाते हैं। बच्चों में एचआईवी के लक्षण उम्र पर निर्भर करते हैं। हालांकि, हर बच्चे में अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं। बच्चों में एचआईवी के लक्षणों में:
बच्चों में विकास रुक जाना
बार-बार संक्रमण हो जाना
शरीर में एनर्जी की कमी होना
लगातार बुखार और पसीना आना
पेट में सूजन आ जाना
लिम्फ नोड्स का बढ़ जाना
डायरिया
वजन कम हो जाना
बार-बार या लगातार रहने वाले इन्फेक्शन, जो इलाज से भी ठीक न होते हों
कैसे और क्यों हो जाता है एचआईवी/एड्स
हमारे शरीर में सीडी 4 कोशिकाएं या टी-कोशिकाएं होती हैं, जो हमें हेल्दी बनाए रखने का काम करती हैं। एचआईवी इन कोशिकाओं पर हमला करता है और उनकी संख्या को कम करना शुरू कर देता है। इससे रोगी कई बैक्टीरिया और वायरस से होने वाले संक्रमण का शिकार होने लगता है। एंटीरेट्रोवायरल ड्रग थेरेपी की मदद से सीडी 4 कोशिकाओं के विनाश को नियंत्रित किया जा सकता है। आप स्तन के दूध, योनि द्रव, स्पर्म और खून के सीधे संपर्क से एचआईवी से संक्रमित हो सकते हैं। वायरस आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यौन संबंध के ज़रिए, गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे में संक्रमण और एक इंजेक्शन का उपयोग कई लोगों के लिए करने से हो सकता है।