लाइफस्टाइल: लीवर, किडनी और डायबिटीज जैसी सेहत से जुड़ी कई बड़ी बीमारियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर यूरिन टेस्ट का सहारा लेते हैं। आमतौर पर शरीर में किसी भी तरह की अंदरूनी समस्या होने पर ज्यादातर मामलों में सबसे पहले व्यक्ति के पेशाब के रंग और गंध में बदलाव को ही नोटिस किया जाता है। लेकिन कई बार कुछ लोग यूरिन में झाग बनने को लेकर काफी टेंशन में रहते हैं। क्या वाकई यूरिन में झाग बनना किसी बड़ी बीमारी का संकेत होता है या यह एक सामान्य बात है? आइए जानते हैं उन 7 कारणों के बाारे में, जिनकी वजह से यूरिन में झाग बनने लगता है।
पेशाब में झाग बनने का कारण-
आमतौर पर झागदार पेशाब के पीछे सबसे पहला कारण ज्यादा फोर्स के साथ पेशाब करना हो सकता है। हालांकि ऐसा होने पर व्यक्ति को टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन इसके अलावा 7 अन्य कारण भी पेशाब में झाग बनने का कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।
डिहाइड्रेशन-
जब किसी व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी होने लगती है तो उसके यूरिन का रंग गहरे पीले रंग का दिखाई देने लगता है। ऐसा पानी कम पीने की वजह से होता है। पानी का सेवन कम करने से प्रोटीन यूरिन में डाइल्यूट नहीं हो पाता। प्रोटीन में कई ऐसी प्रॉपर्टीज होती हैं जिससे यूरिन पास करते समय उसमें झाग बन जाता है।
पेशाब में प्रोटीन-
जब पेशाब के माध्यम से अधिक मात्रा में एल्ब्यूमिन जैसे प्रोटीन निकलने लगते हैं, तो इससे पेशाब में झाग बनाने लगता है। दरअसल, पेशाब में मौजूद प्रोटीन हवा के साथ प्रतिक्रिया कर झाग उत्पन्न कर सकता है।
किडनी की समस्या-
अगर किसी व्यक्ति के यूरिन में लगातार झाग नजर आ रहा है तो यह प्रोटीन्यूरिया की तरफ इशारा हो सकती है, जो कि किडनी डिजीज का एक शुरुआती लक्षण है।
रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन-
रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन पुरुषों से जुड़ा एक रोग है, जिसमें वीर्य लिंग से निकलने की जगह वापस मूत्राशय में चला जाता है । जिसकी वजह से पेशाब में झाग बनने लगता है।
नेफ्रोटिक सिंड्रोम-
इस समस्या में व्यक्ति के शरीर का कोई भी अंग प्रभावित हो सकता है, जिनमें एक किडनी भी है। इस समस्या से प्रभावित व्यक्ति के पेशाब में झाग बनने लगता है।
अमीलॉइडोसिस-
एक तरह की रेयर यानी बहुत कम होने वाली स्थिति होती है। जिससे पीड़ित व्यक्ति के पेशाब में झाग, द्रव निर्माण और गुर्दे की समस्या हो सकती है। यह एक खास तरह के प्रोटीन के निर्माण की वजह से होता है, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है।
डायबिटीज-
डायबिटीज यानी मधुमेह की समस्या होने पर शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं, इन्हीं बदलावों में से एक पेशाब में झाग आना भी है। लेकिन हर डायबिटीज रोगी के पेशाब में झाग आए, ये जरूरी नहीं है।
पेशाब में झाग बनने का उपचार-
यूरिन टेस्ट-
पेशाब में झाग बनने पर डॉक्टर आपके यूरिन में प्रोटीन के स्तर की जांच करने के लिए यूरिन टेस्ट करवा सकता है। इस परीक्षण में पेशाब में एल्ब्यूमिन के की तुलना क्रिएटिनिन के स्तर से करते हैं, जिसे यूरिन एल्ब्यूमिन-टू-क्रिएटिनिन रेशियों (UACR) भी कहते हैं। इस अनुपात से यह पता लगाया जा सकता है कि किडनी रक्त को फिल्टर कर रही है या नहीं। अगर UACR 30 मिलीग्राम प्रति ग्राम से अधिक है, तो यह किडनी की समस्या हो सकती है।
पेशाब में वीर्य की जांच-
अगर आपके झागदार पेशाब आने के पीछे का कारण रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन होता है तो डॉक्टर पेशाब में वीर्य की जांच कर सकते हैं।