सांप्रदायिक एकता का समागम हैं राजधानी दिल्ली, जाएं तो जरूर करें इन धार्मिक स्थलों का दीदार
जाएं तो जरूर करें इन धार्मिक स्थलों का दीदार
भारत देश की राजधानी दिल्ली को अपने इतिहास और आधुनिकता के लिए जाना जाता है। यहां आपको आज भी वे पुरानी और तंग गलियां देखने को मिल जाएगी, तो वहीं दूसरी तरफ एक से बढ़कर एक खूबसूरत इमारतें और मॉल भी देखने को मिलते हैं। यह देश से जुड़ी सभी चीजों का केंद्र बिंदु है और यही कारण हैं कि यह भारत में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगह है। राजधानी दिल्ली सांप्रदायिक एकता का भी बेहतरीन नजारा पेश करती हैं जहां हिंदू, मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, जैनियों और बौद्धों की बहुधार्मिक आबादी है और सभी मिल-झूलकर रहते हैं। दिल्ली हर दिन मस्जिदों में नमाज, मंदिरों में घंटियों, गुरुद्वारों में गुरुबानी की आवाजों से जागती रहती है। आज इस कड़ी में हम आपको दिल्ली के कुछ प्रसिद्द धार्मिक स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो यहां की सांप्रदायिक एकता को दर्शाते हैं।
अक्षरधाम मंदिर
विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में शामिल यह स्वामिनारायण मंदिर आपको भौचक्का कर देगा। एक बार अंदर घुसने के बाद आप इसके हर एक कोन की तारीफ करते नहीं थकेंगे। यह सबसे मशहूर दिल्ली पर्यटन स्थल है। आप यहाँ आकर बाहरी दुनिया को पूरी तरह कुछ समय के लिए भूल जाऐंगे। ये मंदिर अलग-अलग भागों में बँटा हुआ है जिसमें नौका विहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शाम में समय होता वॉटर शो-ये सभी आपको बेहद आनंद से भर देंगे। अगर आप समय निकालकर आऐंगे तो।यहाँ मौजूदा हर कोने को बखूबी परख पाऐंगे।
इस्कॉन मंदिर
दिल्ली का इस्कॉन मंदिर एक बड़ा, समकालीन मंदिर परिसर है जो पारंपरिक भारतीय स्थापत्य शैली के एक उदार सरणी पर एक आधुनिक सुविधा प्रदान करता है। यह इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (उर्फ हरे कृष्णों) का स्थानीय केंद्र है और विशेष रूप से पश्चिमी लोगों के लिए वैदिक मान्यताओं का एक अच्छा परिचय प्रदान करता है। इस्कॉन मंदिर नई दिल्ली के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा को समर्पित, इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए पूजा स्थल है। मंदिर रामनवमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गौरा पूर्णिमा, राधास्वामी, जगन्नाथ रथ यात्रा और नाका विहार जैसे भव्य रूप से कई त्योहार मनाता है।
जामा मस्जिद
भारत के सबसे बड़े मस्जि़दों में से एक यह पुरानी दिल्ली में स्थित है। इंडो-इस्लामिक व मुगल वास्तुकला से बना यह मस्जिद शाहजहाँ का सबसे प्राचीन इमारत है। यहाँ एक समय पर 25000 श्रद्धालु अपनी आस्था को रास्ता देते है। ईद पर लोगों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है पर अगर आप भीड़ से बचना चाहते है तो सुबह के वक्त यहाँ आना उचित होगा। प्रवेश करने के लिए आपको किसी टिकट की ज़रूरत नहीं है। यह एकदम मुफ्त है पर।अगर आप कैमरा अंदर ले जाना चाहते है तो आपको शुल्क अदा करना पड़ेगा।
बंगला साहिब गुरुद्वारा
दिल्ली में प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से एक गुरुद्वारा बंगला साहिब है। गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ और व्याख्या सुनने के लिए आप अपनी पूरी सुबह यहां बिता सकते हैं। सभी धर्मों के भक्त इस गुरुद्वारा के दर्शन करते हैं और सिख समुदाय का यह पवित्र स्थान गुरुपर्व के दिन भव्य दिखता है। गुरुद्वारा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से बहुत मिलता जुलता है। जिन दिनों आपको मानसिक शांति की आवश्यकता होती है, गुरुद्वारा बंगला साहिब की यात्रा पर विचार करें।
संकट मोचन हनुमान मंदिर
108 फीट की विशाल हनुमान की मूर्ती झंडेवालान में हनुमान मंदिर परिसर में स्थित है जिसका निर्माण 1997 में किया गया था। मंदिर का अन्य आकर्षण एक राक्षस के मुंह की तरह बनाया गया नाटकीय प्रवेश द्वार है। मूर्ती के आधार पर काली देवी को समर्पित मंदिर है। मंदिर में शाम की आरती महत्वपूर्ण अनुष्ठान है क्योंकि विशाल हनुमान प्रतिमा की भुजाएं पीछे हट जाती हैं और छाती अलग हो जाती है और देवी सीता और भगवान राम की सुंदर मूर्तियां तीर्थयात्रियों को दर्शन देती हैं।
कमल मंदिर
लोटस टेम्पल दिल्ली के धार्मिक स्थल में से एक प्रसिद्ध स्थान है। यह बहाई धर्म को समर्पित एक इमारत है जिसकी संरचना एक शानदार सफेद पत्तों वाले कमल के रूप में दिखाई देती है। इस मंदिर के डिज़ाइन कनाडा के वास्तुकार फरीबोर्ज़ साहबा द्वारा की गई थी और इसे 1986 में पूरा किया गया था। लोटस टेम्पल दुनिया भर के सात बहाई पूजा घरों में से एक है। यहां आप किसी धर्म के धार्मिक ग्रंथों को पढ़ सकते हैं और उनका जाप कर सकते हैं और ग्रंथों के संगीतमय गायन मंदिर में बिना किसी अवरोध के गाया जा सकता है।
दिल्ली हजरत निजामुद्दीन दरगाह
यह मुस्लिम सूफी संत निजाम-उद-दीन औलिया दरगाह है। इसकी संरचना में जटिल जालियां और मेहराबदार संगमरमर का उपयोग किया गया है। 14वी शताब्दी में इस दरगाह का निर्माण किया गया था। गुरुवार का दिन दरगाह में जाने का सबसे अच्छा है जब यहां कव्वाली होती हैं। यह दरगाह 'बजरंगी भाईजान' और 'रॉकस्टार' जैसी फिल्मों में दिखाई गई है। दरगाह परिसर में सूफी कवि, शाहजहां की बेटी जहांआरा बेगम, राइस अतगाह खान और 18वी सदी के एक शासक मुहम्मद शाह रंगीला की कब्रें हैं। यह दिल्ली के धार्मिक स्थल में से एक प्रसिद्ध स्थान है।
छत्तरपुर मंदिर
दक्षिणी दिल्ली में स्थित यह मंदिर आध्यात्मिकता का प्रतीक है। शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण, हनुमान, लक्ष्मी जैसे कई भगवानों की भव्य मूर्ती आपको भक्ति की दुनिया में ढकेल देंगी। अगर आप धार्मिक प्रवृत्ति के है तो आप यहाँ आकर अपनी भक्ति में लीन हो सकते हैं आपके मन को अत्यंत शांति मिलेगी। मुख्यतः यह मंदिर देवी कात्यायनी को समर्पित है। 70 एकड़ की ज़मीन पर फैले इस मंदिर की वास्तुकला भी सराहनीय है।
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब दिल्ली के धार्मिक स्थल में से एक प्रसिद्ध स्थान है। यह दिल्ली में संसद भवन के पास एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। गुरुद्वारा का निर्माण 1783 में करवाया गया था। यह उस स्थान को चिन्हित करता है जहाँ नौवें सिख गुरु गुरु तेगबहादुर का अंतिम संस्कार किया गया था।
लक्ष्मी नारायण मंदिर
लक्ष्मीनारायण मंदिर (जिसे बिड़ला मंदिर भी कहा जाता है) लाल और सफेद स्तंभों, कृत्रिम पहाड़ों और झरनों का एक विस्तृत हिंदू मंदिर है। मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी ने इस शर्त के साथ किया था कि यह स्थल सभी जातियों और धर्मों के लिए खुला रहेगा। "लक्ष्मी नारायण" हिंदू भगवान विष्णु, उनकी पत्नी लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी के साथ संदर्भित करता है।
श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर
दिल्ली के कई जैन मंदिरों में, श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर सबसे पुराना और सबसे प्रसिद्ध है। लाल पत्थर से बने इस मंदिर में कई पर्यटकों के साथ-साथ विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु आते हैं। जैन धर्म के महत्वपूर्ण संतों की छवियों के अलावा, आप इस मंदिर के परिसर में एक पशु चिकित्सालय और एक पक्षी अस्पताल भी पाएंगे।