स्मोकिंग की लत प्रजनन क्षमता पर डालता है असर, जाने इसके प्रभाव
तंबाकू के पौधों में पाया जाने वाला निकोटिन एक केमिकल है
स्मोकिंग
तंबाकू के पौधों में पाया जाने वाला निकोटिन एक केमिकल है। ये केमिकल Smoking की लत लगाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है, इसके साथ ही ये श्वसन-तंत्र, हार्ट हेल्थ के साथ गले और नाक को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है। इससे कैंसर, दिल की बीमारियों, डायबिटीज और क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के होने का खतरा बढ़ जाता हैं। इतना ही नहीं, निकोटिन पुरुषों से लेकर महिलाओं तक की reproduction क्षमता पर भी बुरा असर डालता है।
यह डोपामाइन को मस्तिष्क में रिलीज करता है, जैसा कि दूसरे मादक पदार्थ करते हैं। एक स्टडी से पता चला है कि लगभग दो तिहाई स्मोकर्स धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं और करीब आधे हर साल इसकी कोशिश करते हैं, लेकिन सहायता के बिना ऐसा करना मुश्किल होता है। निकोटिन आपके व्यवहार, भावना और भावनाओं पर प्रभाव डालता है। तंबाकू को छोड़ना बहुत मुश्किल होता है।
पुरुषों पर धूम्रपान का क्या प्रभाव
पुरुषों में स्पर्म की क्वॉलिटी और मात्रा में कमी निकोटिन से जुड़ी हुई है। ई-सिगरेट वैपर में निकोटिन और फॉर्मेल् डीहाइड होने से स् पर्म बनने में बाधा लगती है और स् पर्म की गतिशीलता कम होती है। धूम्रपान करने वालों का स्पर्मेटोज़ोआ भी उनके सेमिनल प्लाज्मा के संपर्क में आता है, जिसके परिणामस्वरूप स् पर्म की गति और निषेचन क्षमता बहुत कम हो जाती है। इतना ही नहीं, निकोटिन फॉलिकल-स्टिम् युलेटिंग हॉर्मोन को बढ़ाता है और टेस् टोस् टेरॉन को कम करता है।
महिलाओं में धूम्रपान क्या प्रभाव
महिलाओं में धूम्रपान से ऊसाइट्स कम हो सकते हैं और निषेचन की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। भ्रूण में कई सारे स्पर्म सेल होने से उसका विकास बाधित हो सकता है। इस स्थिति में गर्भपात के साथ प्रजनन क्षमता भी कम हो सकती है। और तो और निकोटिन की ज्यादा मात्रा से पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। जिसमें सेकंडरी एमेनोरीया, योनि से ज्यादा खून बहना और लुटीयल फेस यूरिनरी एस्ट्रोजन्स जैसी समस्याएं शामिल हैं।