नमक-चीनी दोनों ही है सेहत के दुश्मन

Update: 2023-09-27 18:09 GMT
आजकल गड़बड़ लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज आज सबसे तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. बड़ी संख्या में लोग इनकी चपेट में आ रहे हैं. इनकी वजह से शरीर कई तरह के प्रभावित हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर इन बीमारियों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए तो मौत का खतरा बढ़ जाता है. लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को इसका प्रमुख कारण माना जाता रहा है. शोधकर्ता मानते हैं कि ब्लड प्रेशर बढ़ाने में ज्यादा सोडियम की भूमिका होती है और डायबिटीज के लिए चीना का ज्यादा होना जिम्मेदार होता है. लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि ज्यादा चीनी खाने से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) बढ़ सकता है.
नमक-चीनी दोनों ही सेहत के दुश्मन
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबकि, नमक और चीनी दोनों ही सेहत के दुश्मन हैं. दोनों ही बीपी को बढ़ाने का काम करते हैं. कई स्टडी में भी पाया गया है कि नमक बढ़े ब्लड प्रेशर का प्रमुख कारण है. कुछ लोग नमक कम करने के बाद चीनी का सेवन बढ़ा देते हैं, जिससे खतरा कम होने की बजाय बढ़ जाती है. अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि चीनी ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ जाता है, जो ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह बन जाता है. हाल ही में हुए रिसर्च में बताया गया है कि ऐडेड शुगर, खासतौर से सॉफ्ट ड्रिक्स के ज्यादा सेवन से भी ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है.
ज्यादा चीनी खाने के नुकसान
हार्ट को खतरा
मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐडेड शुगर दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है. दूसरों की तुलना में ऐसे लोगों में हार्ट डिजीज से मौत तीन गुना ज्यादा देखा गया है. शुगर की ज्यादा मात्रा बीपी और मोटापा बढ़ाने का कारण होता है., इसलिए हार्ट डिजीज को भी रिस्क रहता है.
लिवर में फैट की प्रॉब्लम
ज्यादातर पैकेज्ड फूड्स में मिठास का कारण फ्रुक्टोज पाया जाता है, यह शुगर का ही एक प्रकार है. अध्ययनों में इसे लिवर में फैट बढ़ाने वाला पाया गया है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, नियमित तौर पर फ्रुक्टोज वाली चीजें खाने से लीवर में फैट की छोटी-छोटी बूंदें जमा होने लगती है और नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का जोखिम बढ़ सकता है. इससे दूसरी समस्याएं भी होने लगती है.
डिस्टर्ब हो सकती है नींद
दिन में अगर चीनी का सेवन ज्यादा किया जाए तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि बढ़ा हुआ शुगर और ब्लड प्रेशर का लेवल नींद के हार्मोंस को प्रभावित कर सकता है. इससे नींद डिस्टर्ब हो सकती है. कम सोने से मौत का खतरा भी ज्यादा हो सकता है.
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