योगासन की मदद से अर्थराइटिस की समस्या में राहत
उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं और पुरुषों में आर्थराइटिस (गठिया) की समस्या होने लगती हैं.
उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं और पुरुषों में आर्थराइटिस (गठिया) की समस्या होने लगती हैं. आर्थराइटिस के कारण जोड़ों में ऐंठन, सूजन, रेडनेस, दर्द और चलने-फिरने में तकलीफ जैसी परेशानियां बढ़ने लगती हैं. अगर आप भी आर्थराइटिस से परेशान हैं, तो यहां पर बताए गए इन योगासनों की मदद से काफी हद तक इस बीमारी से राहत पा सकते हैं.
भुजंगासन
1. ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएं. हथेलियों को सीने के पास कंधों की सीध में रखें.
2. गहरी सांस लेते हुए अपनी अपर बॉडी को ऊपर की तरफ उठाएं.
3. सिर को जितना हो सके, ऊपर की तरफ उठाएं.
4. इस स्थिति में 15-30 सेकेंड के लिए रूकें. गहरी सांस लेते हुए सामान्य
अवस्था में आ जाएं.
पश्चिमोत्तानासन
1. दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं.
2. सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें.
3.धीरे-धीरे अपने दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की और अपने नाक से घुटनों को छूने की कोशिश करें.
4. धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें. कुछ देर इसी अवस्था में रहें.
वीरभद्रासन
1. एक पैर को पीछे की तरफ़ ले जाएं.
2. दूसरे पैर को 90 डिग्री एंगल पर स्ट्रेच करें.
3. दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर जोड़ें.
4. फिर धीरे-धीरे दोनों हाथों को सामने की ओर लाएं और पीछे के पैर को और पीछे स्ट्रेच करें.
5. ध्यान रहे, दूसरे पैर को उसी अवस्था यानी 90 डिग्री एंगल में रहने दें. बारी- बारी दोनों पैरों से इस आसन को करें.
त्रिकोणासन
1. ज़मीन पर सीधा खड़े हो जाएं.
2. दोनों पैरों के बीच दो फुट की दूरी रखें.
3. दाएं पैर को दाईं तरफ़ मोड़ें.
4. दोनों हाथों को कंधों के समांतर फैलाएं.
5. सांस लेते हुए धीरे-धीरे दाईं ओर झुकें. ध्यान रखें झुकते समय नज़र सामने की ओर हो.
6. दाएं हाथ से दाएं पैर को टच करें.
7. बायां हाथ ऊपर की तरफ सीधा रखें और नजर बाएं हाथ की उंगलियों की तरफ़ हो.
8. इसी प्रक्रिया को बाएं हाथ से दोहराएं.
चक्रासन
1. पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें. एड़ियां नितंबों के समीप लगी हुई हों.
2. दोनों हाथों को उल्टा करके कंधों के पीछे थोड़े अंतर पर रखें. इससे संतुलन बना रहता है.
3. सांस अंदर भरकर कमर एवं छाती को ऊपर उठाएं.
4. धीरे-धीरे हाथ एवं पैरों को समीप लाने का प्रयत्न करें, जिससे शरीर की चक्र जैसी आकृति बन जाए.
5. आसन छोड़ते समय शरीर को ढीला करते हुए कमर ज़मीन पर टिका दें. यह क्रिया 3-4 बार करें.