Psychosomatic: मानसिक स्वास्थ्य विकारों के शारीरिक लक्षणों की समस्या

सिर-पेट दर्द के लक्षणों से न हों कंफ्यूज

Update: 2023-05-30 15:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | क्या आप जानते हैं कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे से लिंक होते हैं? यानी कि अगर आपको मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कोई विकार है तो इसके कारण शारीरिक लक्षण भी हो सकते हैं। इस तरह की स्थिति को साइकोसोमेटिक कहा जाता है। साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर, वह मनोवैज्ञानिक स्थितियां होती हैं जिसमें शारीरिक लक्षण दिखाई देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ज्यादातर मामलों में साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर का निदान ही नहीं हो पाता है, इनके लक्षणों को अक्सर शारीरिक समस्या मान लिया जाता है।

साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर काफी आम हैं, लगभग 5 से 7 फीसदी लोगों में ये हो सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में लगभग 10 गुना इन विकारों का जोखिम हो सकता है। यह विकार किसी भी उम्र या व्यक्ति को हो सकते हैं।

आइए साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर वाली ऐसी ही कुछ समस्याओं के बारे में जानते हैं जिनको अब तक ज्यादातर लोग शारीरिक समस्या मानते आ रहे हैं।शरीर पर कैसे होता है इसका असर?

साइकोसोमेटिक विकार, शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। यदि इस तरह के लक्षण लंबे समय से बने हैं और सामान्य उपचार से लाभ नहीं मिल रहा है तो इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर ले ले।

थकान-अनिद्रा

मांसपेशियों में दर्द या पीठ दर्द।

उच्च रक्तचाप की समस्या।

सांस लेने में तकलीफ (डिस्पनिया, या सांस की तकलीफ)।

अपच, अक्सर पेट खराब रहना।

सिरदर्द और माइग्रेन।

नपुंसकता की समस्या

पेट के अल्सर (पेप्टिक अल्सर डिजीज)।

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