कैंसर पेशेंट की देखभाल के लिए फायदेमंद है पैलिएटिव केयर

Update: 2023-04-09 13:58 GMT
मसल्स में अनियंत्रित ग्रोथ होने पर बॉडी में गांठ बन जाती है. कई बार गांठ साधारण होती है, जबकि कई बार यह कैंसर की होती है. इसलिए यदि बॉडी में किसी भी तरह की गांठ है तो कैंसर है या नहीं. इसकी जांच करा लेनी चाहिए. वहीं, कैंसर के इलाज के लिए आमतौर पर कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी समेत अन्य थेरेपी दी जाती हैं. इससे व्यक्ति को फिजिकली तौर पर फिट करने की कोशिश की जाती है. लेकिन मानसिक तौर पर उसे राहत नहीं मिलती है. कैंसर पेशेंट के लिए एक और तकनीक है. इसे इलाज की विधि के तौर पर देखा जाता है. कैंसर पेशेंट को मानसिक तौर ठीक रखने की कोशिश की जाती है.
मेंटली स्वस्थ्य करती है पैलिएटिव केयर
कैंसर पेशेंट की देखभाल के लिए पैलिएटिव केयर का प्रयोग किया जाता है. इस विधि से मरीज को मानसिक तौर पर स्वस्थ्य रखने की कोशिश की जाती है. केयरटेकर जानते हैं कि कैंसर को ठीक नहीं किया जा सकता है. आमतौर पर इलाज के दौरान पेशेंट को महंगी दवाएं, बार बार हॉस्पिटल ले जाना, आईसीयू या वेंटीलेटर पर रखना होता है. इससे पेशेंट परेशान हो जाता है. वहीं, पैलिएटिव केयर में मरीज का इलाज इस तरह नहीं किया जाता है.
इस केयरिंग का क्या है मकसद?
पैलिएटिव केयर मेें दवा, इंजेक्शन या कीमोथैरेपी जैसी किसी विधि से इलाज नहीं किया जाता है. बल्कि पैलिएटिव केयर मेें रोगी के जीवन जीने की क्वालिटी को सुधारा जाता है. कोशिश की जाती है कि मरीज बीमार है, मगर वो दूसरे के बजाय खुद पर ही अधिक निर्भर हो. ऐसा करके वह शेष जीवन को आराम से काट सकता है. ऐसा माना जाता है कि पैलिएटिव केयर से पेशेंट कई सालों और दशकों तक अच्छे से जीवन जी लेते हैं.
ऐसे होती है देखभाल
पैलिएटिव केयर विधि में स्पेशलिस्ट, अन्य स्पेशलिस्ट, साइकोलोजिस्ट, पैलिएटिव केयर नर्से, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट समेत सभी की टीम होती है. इसमें पैलिएटिव केयर ओपीडी, डेकेयर जैसी सुविधा होती है. इसके अलावा मरीज को घर पर भी इस तरह की थेरेपी दी जा सकती है. इसमें मरीज के परिजनों को बताया जाता है कि ट्रैंड किया जाता है कि घर पर रखकर मरीज की देखभाल कैसे की जा सकती है. मरीज को इमरजेेंसी मेें ही हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी जाती है.
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