असम में कहर बरपा रहा स्वाइन फ्लू, जानें लक्षण और बचाव

Update: 2024-05-09 04:08 GMT
लाइफस्टाइल : बीते कुछ दिनों से असम में स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यहां बराक घाटी में स्वाइन फ्लू संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एक मौत भी शामिल है। ऐसे में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को फैलने से रोकने की कोशिश में लगा हुआ है। स्वाइन फ्लू एक गंभीर बीमारी है, जो H1N1 वायरस की वजह से फैलता है। यह बीमारी साल 2009 में महामारी का रूप ले चुकी है, जिसके चलते इसके बढ़ते मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए जानते हैं स्वाइन फ्लू से जुड़ी सभी जरूरी बातें-
क्या है स्वाइन फ्लू?
मायो क्लिनिक के मुताबिक H1N1 फ्लू, जिसे कभी-कभी स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है, एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा ए वायरस है। साल 2009-10 के फ्लू सीजन के दौरान, एक नया H1N1 वायरस मनुष्यों में बीमारी पैदा करने लगा। इसे अक्सर स्वाइन फ्लू कहा जाता था और यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया कॉम्बिनेशन था जो सूअरों, पक्षियों और मनुष्यों को संक्रमित करता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने साल 2009 में H1N1 फ्लू को महामारी घोषित किया था। उस साल इस वायरस के कारण दुनिया भर में करीब 284,400 मौतें हुईं। बाद में अगस्त 2010 में, WHO ने महामारी खत्म होने की घोषणा की। लेकिन महामारी से उत्पन्न H1N1 फ्लू स्ट्रेन मौसमी फ्लू का कारण बनने वाले स्ट्रेन में से एक बन गया।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
H1N1 के कारण होने वाले फ्लू के लक्षण, जिसे आमतौर पर स्वाइन फ्लू कहा जाता है, अन्य फ्लू वायरस के समान होते हैं। यह लक्षण वायरस के संपर्क में आने के लगभग 1 से 4 दिन बाद विकसित होते हैं। लक्षण आमतौर पर जल्दी शुरू होते हैं और इसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:-
दस्त
खांसी
बुखार
सिरदर्द
उल्टी होना
शरीर में दर्द
गला खराब होना
मांसपेशियों में दर्द
आंखों में दर्द होना
थकान और कमजोरी
बहती या भरी हुई नाक
पेट में दर्द महसूस होना
ठंड लगना और पसीना आना
लाल आंखें और आंखों में पानी आना
स्वाइन फ्लू से कैसे करें बचाव?
स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका इसकी वैक्सीन लगवाना है।
फ्लू का टीका आपके फ्लू होने के जोखिम को कम कर सकता है। हर साल मौसमी फ्लू की वैक्सीन तीन या चार इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाता है।
जब भी संक्रामक बीमारियों की बात आती है, तो जागरूकता के लिए विश्वसनीय चिकित्सा जानकारी पर भरोसा करना जरूरी है।
खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को टिश्यू से ढकें। उपयोग के तुरंत बाद टिश्यू का सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करना न भूलें।
बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
उन लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें जो स्पष्ट रूप से बीमार हैं या जिनके बीमार होने की संभावना है।
अगर आपके अंदर फ्लू के कोई भी लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसे दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए लोगों से दूरी बनाए रखें।
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