दैनिक जीवन में कई औषधीय गुणों से भरपूर है सरसों का तेल

सरसों का तेल

Update: 2022-07-11 14:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सब्जी के साथ ही सरसों के तेल को बालों में लगाने, शरीर में मालिश करने में भी काम में लाया जाता है। पाया गया है कि सरसों के तेलमें कई औषधीय गुण होते हैं। शुद्ध सरसों का तेल अत्यन्त लाभदायक होता है। सरसों के तेल की कुछ उपयोगिताएँ इस प्रकार देखी जा सकती हैं

सरसों के तेल के फायदे –
शरीर को मजबूत बनाने में सरसों के तेल के फायदे
शरीरपर मालिश करने से यह शक्ति प्रदान करता है और शरीर को मजबूत बनाता है। सरसों के तेल में लहसुन गरम करके इसके मिश्रण से बच्चों के शरीरपर मालिश करनी चाहिये।
दाँत दर्द दूर करने में सरसों के तेल के फायदे –
दाँत दर्द में भी यह लाभ पहुँचाता है। पिसा हुआ नमक तथा सरसों का तेल मिलाकर दाँतों पर मलने से दाँत तो साफ होते ही हैं, उनका दर्द भी दूर हो जाता है। इससे मसूढ़े मजबूत होते हैं तथा पायरिया से छुटकारा मिलता है।
मसूढ़े फूलकर दर्द है तो सरसों के तेल में आधा चम्मच खाने वाला सोडा मिलाकर धीरे-धीरे मसूढ़े की मालिश करें और लार मुँह से बाहर गिराते रहें।
खस, इलायची, लौंग तथा सेंधा नमक सबको बारीक पीसकर, दो चार बूंद सरसों का तेल डालकर मंजन किया करें, दाँत स्वस्थ बने रहेंगे।
हाथ व पैरों के दर्द में सरसों के तेल के फायदे –
हाथ व पैरों में दर्द हो तो सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिये। सिरदर्द होनेपर सिरपर मालिश करने से फायदा होता है।
कान दर्द में सरसों के तेल के फायदे –
कान में मैल जम गयी हो तथा दर्द होता हो तो सरसों के तेल को हलका-सा गरम करके कान में डाले।
बच्चों या बड़ों के कान में दर्द हो तो प्याज के रस को सरसों के तेल में पकाकर ठंडा होने पर कान में दो बूंद डालकर रुई लगा दें, दर्द में आराम मिलेगा।
कान में अगर फुंसी हो तो लहसुन की कलियाँ छीलकर उन्हें सरसों के तेल में खूब पकाएँ। इस तेल को शीशी में भरकर रख लें और सुबह शाम दो दो बूंद कान में डालें। इससे कान दर्द में बड़ा आराम मिलता है
नीम की निबौली या पत्तों का रस सरसों के तेल में पकाकर रख लें। बच्चे बूढ़े किसी के कान दर्द होने पर दो-दो बूंद कान में डालें।
कान में अनाज का दाना या ऐसी कोई चीज गिर जाए तो सरसों का तेल गरम करके ठंडा होने पर कान में डालें, इससे दाना आदि ऊपर आ जाएगा। इससे कान के अंदर की मैल, धूल आदि भी बाहर आ जाती है।
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त्वचा की खुश्की दूर करने में सरसों के तेल के फायदे –
हाथ खुश्क और खुरदरे हो रहे हों तो सरसों के तेलकी हलकी मालिश करे। इससे त्वचा की खुश्की दूर हो जाती है और त्वचा मुलायम भी हो जाती है।
थकान दूर करने में सरसों के तेल के फायदे –
अत्यधिक थकान होने पर सरसों के तेल में लहसुन गरम करके इसके मिश्रण से तलुओं में मालिश करे।
अँगुलियाँ के पानी में गल जाने पर सरसों के तेल के फायदे –

पैरों की अँगुलियाँ पानी से सड़ गयी हों तो उनपर सरसों का तेल लगाये। कुछ ही दिनमें सड़न दूर हो जायगी।
पेट के रोगों में सरसों के तेल के फायदे –
सरसों के पत्तों की सब्जी भी पेट के रोगों में लाभ पहुँचाती है।
सरसों काली और पीली दो रंगों में होती है। इनमें भी पीली सरसों विशेष गुणकारी मानी गयी है।
बाधाओं को दूर करने में सरसों के तेल के फायदे –
वर्षवृद्धि (जन्मोत्सव)-संस्कार में कच्ची हल्दी के साथ पीली सरसों के दानों की पोटलिका बनाकर उसकी प्रतिष्ठा कर हाथ में बाँधा जाता है, इससे आयुकी वृद्धि होती है तथा यह अनेक प्रकारके अरिष्टों तथा बाधाओं को दूर करता है।
कान बहने पर सरसों के तेल के फायदे –
कान बहने पर सरसों के तेल में लहसुन की कलियाँ खूब पकाएँ, फिर इनको तेल में मसल दें, तेल को छानकर शीशी में भरकर रख लें। सुबह शाम दो-दो बूंद कान में डालें।
पीप का बहाव रोकने के लिए महुआ, जामुन, चमेली और आँवला के पत्ते एवं बड़ की जड़ की छाल-सबका रस सरसों के तेल में पकाकर इस तेल को कान में डालें, आशातीत फायदा होगा।
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खुजली में सरसों के तेल के फायदे –
सूखी खुजली में धतूरे के बीज सरसों या नारियल के तेल में पकाएँ। दिन में स्नान से एक घंटा पूर्व तथा रात्रि में शयन से पूर्व गरदन के नीचे से इस तेल की मालिश करें। प्रातरू नीम या डिटॉल साबुन से अच्छी तरह मसलकर धोएँ और साफ कपड़े पहनें।
सेंधा नमक, कपूर, सरसों और पिप्पली को कांजी में महीन पीसकर खुजली द्य वाले स्थान पर लेप करें, फिर घंटे भर बाद स्नान कर लें।
सरसों के तेल में आक के पत्तों का रस तथा हल्दी डालकर पकाएँ। इस तेल को लगाने से खाज-खुजली मिटती है।
सरसों या तिल के तेल में लहसुन की कलियाँ छीलकर खूब पकाएँ। इन कलियों को तेल में मसलकर तेल छान लें। अब इस तेल से शरीर की मालिश करें।
बाले काले और घने बनाने में सरसों के तेल के फायदे –
एक किलो सरसों तेल, मेहँदी के पत्ते, रतनजोत, जल भांगरा के पत्ते, आम की गुठलियाँदृप्रत्येक 100 ग्राम लेकर कूट-पीसकर लुगदी बनाएँ और दो दिन पानी में भिगा दें। फिर इस पानी को छानें और लुगदी को निचोड़ें। सरसों के तेल में इस पानी को पकाएँ, जब पानी जल जाए और तेल शेष बचे तो इसे किसी शीशी या बोतल में भरकर रखें, यह तेल रोजाना सिर में लगाने से बाले काले और घने बन जाएँगे।
सरसों के तेल के नुकसान –
अगर किसी को सरसों तेल से एलर्जी है तो आपको सरसों तेल के सेवन से बचना चाहिए।


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