लहसुन के औषधीय गुण, जो इस बनाते हैं घरेलू नुस्ख़ों का चैम्पियन

Update: 2023-06-17 17:54 GMT
लहसुन को ग़रीबों की कस्तुरी कहा जाता है. इसके इतने औषधीय गुण हैं कि इसपर एक पूरी किताब लिखी जा सकती है. जहां धार्मिक पुस्तकों के अनुसार लहसुन को तामसी गुणों वाला मानकर इसे न खाने की सलाह दी जाती है, वहीं आयुर्वेद में लहसुन को एक प्रभावशाली औषधि के रूप में प्रमाणित किया गया है. लहसुन का मूल स्थान रूस है, पर भारत में इसकी आमद प्राचीन काल में ही हो गई थी. संस्कृत में लहसुन को रसोन कहा जाता है. यानी इसमें हर तरह के रस होते हैं. देखा जाए तो मीठा, खट्टा, खारा, कड़वा, तीखा, कसैला इन छह रसों में खट्टे को छोड़कर सभी रस लहसुन में पाए जाते हैं. लहसुन के घरेलू नुस्खों से हमारी दादी, नानियों का पिटारा भरा हुआ है.
आइए लहसुन के उपयोग, फ़ायदों और विशेषताओं के बारे में जानते हैं. साथ इस इस बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं कि आख़िर वो कौन-से पोषक तत्व हैं, जो लहसुन को इतना ख़ास बनाते हैं.
पोषक तत्व और फ़ायदे
लहसुन की गांठ में छोटी-छोटी कई कलियां होती हैं. इसकी गंध अत्यंत तीव्र होती है. स्वाद में यह तीखा होता है. इसकी प्रकृति गर्म है. यह भोजन का स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि पचाने में मदद करता है. इसके पोषक तत्वों की बात करें तो लहसुन में 62.8 प्रतिशत पानी होता है. 6.3 प्रतिशत प्रोटीन, 0.1 प्रतिशत वसा, 29% कार्बोहाइड्रेट होता है. कैल्शियम की मात्रा 0.03 और फ़ॉस्फ़ोरस की 0.3 प्रतिशत होती है. इसके अलावा 100 ग्राम लहसुन में 1.3 मिलीग्राम आयरन और 13 मिलीग्राम विटामिन सी होता है.
लहसुन कामोत्तेजना बढ़ाता है, पाचन में मददगार है, गले को साफ़ करता है और इसके नियमित सेवन से आंखों की रौशनी तेज़ होती है. बालों की वृद्धि और मज़बूती में भी लहसुन काफ़ी फ़ायदेमंद है. हड्डी टूटने पर लहसुन खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे हड्डियों को जुड़ने में सहायता मिलती है. कफ़, हृदयरोग, दमा, वात रोग, न्युमोनिया, लकवा, कुष्ठ रोग, बवासीर (पाइल्स), कब्ज़, टीबी न जाने कितने रोगों के इलाज के लिए प्राचीन काल से लहसुन के घरेलू नुस्ख़े आज़माए जाते रहे हैं.
लहसुन के औषधीय उपयोग
लहसुन के औषधीय लाभ लेने के लिए अमूमन कूट कर इसका रस निकाला जाता है. एक या दो चम्मच लहसुन के रस का पानी के साथ सेवन करना चाहिए. लहसुन की कई तरह की चटनी बनाई जा सकती है. अलग-अलग व्यंजनों में भी डालकर भी खाया जा सकता है.
हैजा हो जाने पर लहसुन के रस में समान भाग पानी मिलाकर पीने से हैजे के कीटाणु नष्ट होते हैं. लहसुन के नियमित सेवन से कफ़ घटता है, अच्छी नींद आती है, पेट दर्द में राहत मिलता है. अपच, अजीर्ण, मंदाग्नि में लहसुन किसी औषधि से कम फ़ायदेमंद नहीं है. कान के दर्द में लहसुन के रस की कुछ बूंदें डालने से काफ़ी आराम मिलता है.
कोलेस्टेरॉल, हृदय रोग और ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए तो लहसुन वरदान ही है. यह ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है. नसों के संकुचन को कम करता है, जिससे हृदय को काफ़ी राहत मिलती है.
शरीर में घाव हो जाने पर लहसुन का उपयोग घाव की सड़न को रोकने के लिए किया जाता है. लहसुन के रस में पानी मिलाकर घावों की सफ़ाई की जाती है. लहसुन के पानी से घाव धोने पर मवाद बननी बंद हो जाती है.
लहसुन इम्यूनिटी भी बढ़ाता है, इसके अलावा लहसुन के और भी कई फ़ायदे हैं. जैसा कि हम पहले ही कह चुके हैं, लहसुन के औषधीय प्रयोगों पर हम एक पूरी की पूरी किताब लिख सकते हैं. तो आप भी अपनी सहूलियत के अनुसार खानपान में लहसुन को शामिल करके इसके औषधीय गुणों का लाभ लीजिए.
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