इन 5 आदतों को बनाइए रूटीन का हिस्सा

Update: 2023-09-22 16:24 GMT
लाइफस्टाइल: मूड स्विंग से हम सब कभी ना कभी जरूर परेशान होते हैं। पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग होना अलग बात है लेकिन हर रोज, कुछ ही घंटे के अंतराल पर मूड स्विंग होना सही नहीं है। इससे आपका खुद का ही नुकसान होता है। कई बार लोग मूडी लोगों से दूरी बना लेते हैं। ये पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों के लिए सही नहीं है। एक्सपर्ट कहती हैं कि बार-बार मूड स्विंग होने के पीछे कई कारण होते हैं जैसे तनाव, शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी वगैराह-वगैराह। एक्सपर्ट इस समस्या से बचने के लिए कुछ हेल्दी हैबिट अपनाने की सलाह देते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में जानकारी दे रहे हैं पीएसआरआई अस्पताल के कंसल्टेंट साइकेट्रिस्ट परमजीत सिंह
एक्सपर्ट से जानिए मूड स्विंग से बचने के उपाय
नींद सबसे जरूरी
एक्सपर्ट 8 घंटे की क्वालिटी स्लीप लेने की सलाह देते हैं। जब आप सही से नींद नहीं लेते हैं तो दूसरे दिन आपको आलस, चिड़चिड़ापन बना रहता है इससे आप काम पर फोकस नहीं कर पाते हैं। वहीं जब आप नींद पर्याप्त लेते हैं तो शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन रिलीज होता है जिससे आप अच्छा रिफ्रश फील करते हैं।
एक्सरसाइज करना ना भूलें
एक्सरसाइज को रूटीन का हिस्सा बनाएं। जरूरी नहीं है कि आप जिम में जाकर ही घंटो वर्कआउट (कुर्सी पर बैठकर ऐसे करें एक्सरसाइज) करें आप चाहें तो साइक्लिंग,जॉगिंग कर सकते हैं। घर में भी कुछ एक्सरसाइज किए जा सकते हैं।इससे स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है,शरीर में हैप्पी हार्मोन का स्राव होता है जो आपको खुशी का एहसास दिलाता है। ऐसे आपको मूड स्विंग से छुटकारा मिल सकता है।
खूब पिएं पानी
डिहाइड्रेशन से ना सिर्फ आपको कमजोरी होती है बल्कि ये आपके मूड स्विंग के लिए भी जिम्मेदार है। ऐसे में आप जितना हो सके पानी पिएं। कम पानी पीने से खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।आपकी सेल्स ठीक से काम नहीं करती हैं वहीं इसके कारण मस्तिष्क में भी ऑक्सीजन की कमी होने लगती है इससे आपको सिर दर्द और तनाव होने लगता है। ये सभी कारण मूड स्विंग के लिए जिम्मेदार होते हैं।
संतुलित आहार
एक्सपर्ट कहते हैं कि मूड स्विंग ब्रेन फंक्शन से जुड़ा हुआ है। जब शरीर में ब्रेन फंक्शन को सुचारू रूप से चलाने वाले पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम या विटामिन डी की कमी होती है तब भी मूड स्विंग की शिकायत होती है। ऐसे में आप संतुलित आहार लें। ये भी सुनिश्चित करें कि आप जो खा रहे हैं इसमें मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन डी मौजूद हो जो आपका कॉग्निटिव फंक्शन सुधारें।
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