Lifestyle: अस्थमा के मरीज के लिये रामबाण है यह मुद्रा
"साँस के मरीज को मिलेगा खूब आराम"
लाइफस्टाइल: सर्दियों में अस्थमा की समस्या बढ़ जाती है। सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। दरअसल इसके पीछे कई कारण है जैसे ठंडी हवा, मोल्ड, पोलन ग्रेन। अगर आप भी अस्थमा के मरीज हैं और सांसों की दिक्कत से बचना चाहते हैं तो आपको एक खास मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए। योगा एक्सपर्ट नुपूर रोहातगी बताती हैं कि सर्दियों में दमा मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए। यह एक प्राचीन योग मुद्र है जो सांसों से संबंधित समस्याओं से तुरंत राहत प्रदान करता है। यह श्वसन प्रणाली को सुधारने में मदद करता है और शरीर को उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करता है। चलिए जानते हैं इसका अभ्यास कैसे करना चाहिए।
दमा मुद्रा के फायदे
श्वसन मार्ग में रुकावट कम होती है,यह मुद्रा सांस की नलिका को खोलने में मददगार है।
इससे ब्रॉन्कियल ट्यूब रिलैक्स होती हैं। सांसों की नली और फेफड़ा डिटॉक्सिफाई होता है।
दमा मुद्रा श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है,जिससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बेहतर होता है।
सांसों पर नियंत्रण पाने के साथ ही तनाव को कम करने में मदद करता है।
कैसे करें दमा मुद्रा?
आराम से शांत स्थान पर बैठ जाएं।
आप पद्मासन, या वज्रासन में बैठ सकते हैं।
अब दोनों हथेलियों को आमने सामने रखें।
दोनों हाथों की उंगुलियों को इस तरह से मोड़ें कि दोनों हाथों की मध्य अंगुलियों का पिछला हिस्सा आपस में मिल जाए।
बाकी की अंगुलियों को ऐसे ही रहने दें।
अब आखें बंद कर लें और गहरी सांस लें।
सांसों पर ध्यान कंद्रित करें, सांस लें और छोड़ें।
इस मुद्रा का अभ्यास कम से कम 10 से 15 मिनट हर रोज करें।
शुरुआत में थोड़ी देर करें लेकिन धीर-धीरे इसकि अवधि बढ़ाएं।