Lifestyle: जाने डाइट के साथ कौन सी एक्सरसाइज करने से जल्दी बनते हैं 6 पैक एब्स
जाने करने का सही तरीका
लाइफस्टाइल: पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए डाइट के साथ-साथ एक्सरसाइज भी जरूरी होती है। इसके लिए सिट-अप एक पुरानी लेकिन कारगर एक्सरसाइज है। सही तरह से किया जाए तो सिट-अप एब्डोमिनल मसल्स को मजबूत करने के साथ-साथ डाइजेशन सिस्टम को भी सुधारने में मदद करता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको किसी एक्यूपमेंट की जरूरत भी नहीं पड़ती है। क्योंकि सिट-अप करने से गर्दन और लोअर स्पाइन या निचली रीढ़ की हड्डी में चोट लग सकती है, इसलिए इसे करने से पहले सभी प्रकार के बारे में अच्छी तरह से जान लें। इस लेख में हम सिट-अप करने के सही तरीकों और लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे।
सिट-अप
पेट के लिए लोग कई एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता है। अगर आप ऐसी किसी एक्सरसाइज की तलाश में हैं, जिससे आपके पेट की चर्बी गायब हो जाए, तो आपके लिए सिट-अप बेहद कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आपको किसी एक्यूपमेंट की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। शुरुआत में एक हेल्पर की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन प्रैक्टिस के बाद आपको किसी की जरूरत नहीं होगी। सिट-अप करने का सही तरीका अपको पता होना चाहिए, नहीं तो यह आपके लिए घातक भी हो सकता है।
सिट-अप करने के लाभ
पेट की मांसपेशियां होती हैं मजबूत
नियमित रूप से सिट-अप करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है। यह एक्सरसाइज पेट की मांसपेशियों को लंबे समय तक सक्रिय रखने और वजन उठाने के लिए प्रशिक्षित करता है। इसके साथ ही अगर आप सिक्स पैक बनाना चाहते हैं, तो यह एक्सरसाइज आपके लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है।
शरीर को बनाता है लचीला
सिट-अप के नियमित अभ्यास से रीढ़, कूल्हों और पैरों की हड्डियों में लचीलापन बढ़ जाता है। जिससे शरीर में अकड़न की समस्या कम होती है।
वजन कम करने में सहायक
अगर आप पेट की चर्बी से परेशान हैं तो सिट-अप आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। इसके नियमित अभ्यास से कमर और पेट की सारी चर्बी गल जाती है।
रीढ़ की हड्डियां होती हैं मजबूत
सिट-अप करते समय रीढ़ की हड्डियों पर पूरा जोर पड़ता है। अगर आप सही से रोज सिट-अप करें तो रीढ़ की हड्डी के साथ साथ डिस्क हाइड्रेशन में भी सुधार होता है।
4 चरणों में जानते हैं सिट-अप करने का सही तरीका- Right Way To Do Sit Ups
चरण-1 सबसे पहले एक समतल जमीन पर मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं, अब अपने दोनों घुटनों को मोड़ें। दोनों पैरों को ऐसे लॉक करें कि हिले नहीं। इसके लिए आप अपने पैरों के पंजों को बिस्तर के नीचे डाल सकते हैं या किसी को खड़े होने या पकड़ने के लिए कह सकते हैं।
चरण-2 इसके बाद अपने दोनों हाथों को उठाकर अपने सिर के पीछे रखें और सिर को उठाकर अपनी जांघों के लंबवत ले जाएं।
चरण-3 इस स्थिति में करीब एक सेकंड तक बने रहने के बाद पूर्व स्थिति में वापस आ जाएं।