हेल्थ टिप्स Health Tips: गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं और इन्हीं हार्मोनल बदलावों के कारण उन्हें गर्मी ज्यादा लगती है। शरीर में प्रोजेस्टोरॉन हार्मोन की ज्यादा मात्रा के कारण कई बार गर्भवती महिला के शरीर का औसत तापमान भी बढ़ जाता है। गर्मी के मौसम में वातावरण के औसत तापमान में वृद्धि के कारण गर्भवती महिलाओं की परेशानी और बढ़ जाती है। इसकी वजह से वे ना सिर्फ असहज महसूस करती हैं बल्कि रोजमर्रा के काम करने में भी उन्हें परेशानी आती है। कई बार हीट स्ट्रोक आदि की स्थिति में गर्भ में पल रहे भू्रण पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। गर्मी के मौसम इन परेशानियों से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान में रखना जरूरी है: ठंडे तरल पदार्थों का भरपूर मात्रा में सेवन करें, धूप में बिना वजह ना निकलें, निकलना हो तो छाता साथ लेकर जाएं, साथ में ठंडा पानी, नीबू पानी, नारियल पानी या Glucon-D वाला पानी लेकर जाएं, हल्के रंग के ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनें ताकि गर्मी कम लगें। खाने में फल, सलाद आदि को ज्यादा मात्रा में शामिल करें। तले-भुने खाद्य पदार्थों से दूर रहें। इन बातों को ध्यान में रखने गर्मी के मौसम में भी प्रेग्नेंसी के दिन आसानी से बीत जाएंगे।
अगर आपको पीरियड के वक्त दर्द हो रहा है, तो यह लड़कियों को युवावस्था में होने वाला आम दर्द है। इस दर्द से निपटने के लिए गर्म पानी की सिंकाई, एक्यूप्रेशर, कैमेमाइल टी आदि की मदद लें। पीरियड शुरू होने से पहले बहुत ज्यादा चीनी, चॉकलेट व कैफीन आदि का सेवन ना करें। पीरियड के दौरान व्यायाम करके और गर्म तरल पदार्थों का सेवन करके इस दौरान होने वाले दर्द को मैनेज करने की कोशिश करें। अगर इन घरेलू नुस्खों से अगर आपके दर्द में आराम नहीं आ रहा है तो डॉक्टरी परामर्श लें। डॉक्टर अपनी जांच व जरूरी टेस्ट आदि के माध्यम से यह पता लगा सकते हैं कि पीरियड के दौरान होने वाला यह दर्द सामान्य है या फिर इसके लिए कोई गांठ आदि तो जिम्मेदार नहीं। पीरियड के दौरान होने वाले दर्द का सामना करने के लिए कभी-कभार दवा के सेवन में कोई बुराई नहीं है। पर, यह दवा हमेशा डॉक्टरी परामर्श के अनुरूप ही लेना चाहिए। मेफटल स्पास जैसी दवाएं भी डॉक्टरी परामर्श के मुताबिक कभी-कभार ली जा सकती हैं।