जानिए साइटिका दर्द के रिस्क फैक्टर्स
मानव शरीर मैं मौजूद हड्डियां या नसे एक दूसरे से जुड़ी हुई होती है, इसलिए किसी एक में भी समस्या होने पर पूरे शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मानव शरीर मैं मौजूद हड्डियां या नसे एक दूसरे से जुड़ी हुई होती है, इसलिए किसी एक में भी समस्या होने पर पूरे शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है और बॉडी को भयानक दर्द से गुजरना पड़ सकता है. साइटिका की समस्या में पीड़ित व्यक्ति के कमर से शुरू होकर कूल्हों तक और बाद में पैरों तक असहनीय दर्द होता है. यह दर्द कई बार बर्दाश्त से बाहर हो सकता है. साइटिका में तेज दर्द के साथ शरीर में जलन भी होने लगती है.
हमारी बॉडी में नर्वस सिस्टम मौजूद होता है, साइटिका नर्वस सिस्टम की सबसे जरूरी नर्व्स में से एक है. अधिकतर साइटिका का दर्द 30 वर्ष की उम्र के बाद ही व्यक्ति को होता है, जिसमें कई बार स्थिति काफी गंभीर हो सकती है.
जानिए साइटिका दर्द के रिस्क फैक्टर्स
उम्र
मयोक्लीनिक के अनुसार बढ़ती उम्र में शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती है, ऐसे में अक्सर व्यक्ति को रीड की हड्डी में कई परिवर्तन महसूस होने लगते हैं, जिसमें हर्नियेटेड डिस्क और बोन स्पर्स साइटिका के सामान्य कारण हैं.
मोटापा
मोटापा साइटिका का मुख्य कारण हो सकता है, क्योंकि बढ़ा हुआ वजन रीढ़ पर तनाव बढ़ा सकता है. शरीर का अतिरिक्त फैट या वजन रीढ़ की हड्डी पर जोर डाल सकता है जिससे स्पाइनल में बदलाव आने पर साइटिका की समस्या हो सकती है.
व्यवसाय
आजकल सभी काम अधिकतर बैठकर कंप्यूटर पर किए जाते हैं, जिसके कारण घंटों एक ही पोस्चर में बैठना पड़ता है. लंबे समय तक बैठना और वाहन चलाने से साइटिका की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
लंबे समय तक बैठे रहना
स्वस्थ शरीर के लिए फिजिकल एक्टिविटी करना बेहद आवश्यक है, जो लोग काम या अन्य कारणों से घंटों एक जगह बैठे रहते हैं उनमें साइटिका की संभावना अधिक होती है.
डायबिटीज
डायबिटीज यानी मधुमेह की समस्या शरीर में ब्लड शुगर लेवल को अनियंत्रित करती है, जिससे शरीर की नर्व्स के डैमेज होने और साइटिका का खतरा अधिक होता है.