शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी पूरी दुनिया के लिए नासूर की तरह बनती जा रही है. इस मोटापे के कारण अधिकांश लोगों को डायबिटीज और हार्ट की बीमारी हो रही है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 2 अरब से ज्यादा लोग मोटापे के शिकार हैं. एक अनुमान के मुताबिक भारत में 1 करोड़ से ज्यादा लोग मोटापे से जूझ रहे हैं जबकि 7.7 करोड़ लोगों को डायबिटीज है. यह संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. चूंकि मोटापा कई बीमारियों की मुख्य वजह है, इसलिए लोग चर्बी घटाने के लिए बेहद कठिन मेहनत कर रहे हैं. इसके लिए एक्सरसाइज, डायटिंग और यहां तक कि गोलियों का भी सेवन किया जाने लगा है. लेकिन एक्सरसाइज, गोलियां या डाइटिंग में मोटापा कम करने के लिए सबसे बेहतर क्या है. हार्वर्ड के वैज्ञानिकों को इसका उत्तर मिल गया है.
एक्सरसाइज से ज्यादा घटती है चर्बी
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दुबले पतले व्यक्ति जिन्होंने वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज, डायटिंग या दवाई ली, दरअसल, उनका वजन बढ़ ही गया और बाद में उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम भी बढ़ गया. इसके विपरीत मोटापे से पीड़ित लोग जिन्होंने लंबे समय तक एक्सरसाइज की, उनका वजन घट गया. अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि वजन कम करने के लिए चार साल तक की एक्सरसाइज सबसे प्रभावी तरीका है. एक्सरसाइज से मोटे लोगों में औसतन वजन 4.2 प्रतिशत तक घटता है. वहीं अत्यधिक मोटे लोगों में एक्सरसाइज से वजन 2.5 प्रतिशत तक घट जाता है. वहीं जिन लोगों ने दवाई से वजन कम करना चाहा उनका वजन इस दौरान 0.3 प्रतिशत ही कम हुआ.
एक्सरसाइज के बाद डायबिटीज का जोखिम कम
जब शोधकर्ताओं ने मोटे लोगों का संबंध टाइप 2 डायबिटीज और एक्सरसाइज के साथ जोड़ा तो डाटा विश्लेषण में पाया कि 24 साल उनमें से अधिकांश में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बहुत कम हो गया. अध्ययन में यह भी पाया गया कि चाहे किसी भी विधि से वजन पर नियंत्रण किया हो, ऐसे व्यक्तियों में डायबिटीज का खतरा कम हो गया. अध्ययन के मुताबिक जिन मोटे लोगों ने वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज का सहारा लिया था, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम 21 प्रतिशत तक कम हो गया. वहीं जिन लोगों ने मोटापा कम करने के लिए अन्य विधियों का सहारा लिया, उनमें डायबिटीज होने का खतरा 13 प्रतिशत तक कम हो गया. अत्यधिक मोटे लोगों में भी एक्सरसाइज करने से 9 प्रतिशत तक डायबिटीज का खतरा कम हो गया.
भारत में क्या है इसके मायने
भारत में 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. चूंकि अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग दुबले-पतले थे, उन्होंने एक्सरसाइज की तो इससे उनका वजन उल्टा बढ़ ही गया. तो क्या दुबले लोगों को एक्सरसाइज बंद कर देनी चाहिए. मैक्स हेल्थकेयर के चेयरमैन और डायबेट्स एंड एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ अंबरीश मित्तल ने बताया कि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि भारत में मोटापे का अलग मानदंड है. उन्होंने कहा कि जो दुबले पतले हैं और उनका बीएमआई कम हैं, उन्हें भी नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए क्योंकि भारत में मोटापे का अलग मतलब है. यहां दुबले पतले लोगों में भी पेट में चर्बी जमा हो जाती है. इस कारण उन्हें एक्सरसाइज करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हेल्थ के प्रति संवेदनशील व्यक्ति दुबले हैं और एचबीए1सी को नियंत्रण में रखा है लेकिन वह अब दवाई को छोड़ना चाहता है और वजन कम करना चाहता है तो इसके लिए प्रयास करने होंगे. क्योंकि यहां दुबले पतले लोगों के लिवर में चर्बी जमा रहती है. इसलिए एक्सरसाइज जरूरी है.
न्यूज़ क्रेडिट : navyugsandesh