जानिए स्किन केयर से जुड़े मिथ्स के बारे में....
चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने की बात हो, तो सबसे पहले दिमाग में स्किन केयर का ख्याल आता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने की बात हो, तो सबसे पहले दिमाग में स्किन केयर ( Skin care tips ) का ख्याल आता है. स्किन की केयर के दौरान लोग अलग-अलग तरीकों को आजमाते हैं, जिनमें सबसे कॉमन प्रोडक्ट्स और घरेलू नुस्खों ( Skin care home remedies ) का इस्तेमाल शामिल है. मार्केट में स्किन की केयर के लिए ढेरों प्रोडक्ट्स की भरमार है, जिनकी ओर से दावा किया जाता है कि ये चेहरे की रंगत ( Glowing skin ) को बढ़ाने में कारगर है. जबकि केमिकल्स से बने होने के कारण कभी-कभी ये चेहरे को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. लोग कुछ पंक्तियों पर भरोसा करके प्रोडक्ट को खरीद लेते हैं और उसे चेहरे पर लगाने लगते हैं.
यही नहीं लोगों को बीच स्किन को लेकर ऐसी कई मिथ्स फैली हुई हैं, जिनकी सच्चाई उन्हें पता नहीं होती और वे इन्हें फॉलो करते रहते हैं. लोग अक्सर मिथ्स के आधार पर स्किन केयर रूटीन फॉलो करते हैं और समस्याओं का शिकार बन जाते हैं. हम आपको ऐसी कुछ स्किन केयर मिथ्स के बारे में बताने जा रहे हैं.
मिथ: सनस्क्रीन सिर्फ गर्मियों के लिए
लोगों के बीच ये बात फैली हुई है कि सनस्क्रीन को सिर्फ गर्मियों में ही लगाना चाहिए, जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है. सर्दियों और मानसून में गर्मियों की तुलना में अपेक्षाकृत बेहतरीन मौसम होता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सूर्य की किरणें हानिकारक नहीं हो सकती हैं. किसी को भी मौसम की परवाह किए बिना सन प्रोटेक्शन शील्ड का इस्तेमाल करना जारी रखना चाहिए क्योंकि सनस्क्रीन आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी और यूवी किरणों से बचाते हैं. ये किरणें त्वचा कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं की वजह बन सकती हैं.
मिथ: कम मात्रा में प्रोडक्ट को लगाना चाहिए
लोगों के बीच ये मिथ भी फैली हुई है कि स्किन केयर प्रोडक्ट को थोड़ी मात्रा में ही चेहरे पर लगाना चाहिए. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जरूरी नहीं है कि हर किसी के चेहरे का साइज एक जैसा हो. कई बार लोग विज्ञापन में प्रोडक्ट को थोड़ी मात्रा में यूज करते हुए देखते हैं और इसी चीज को फॉलो करने लगते हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करने से चेहरे की रंगत अच्छी हो जाएगी. कहते हैं कि प्रोडक्ट को निर्धारित की गई मात्रा से थोड़ा ज्यादा यूज करना चाहिए.
मिथ: वाइप्स से ही हटता है मेकअप
लोगों को लगता है कि मेकअप को वाइप्स से ही रिमूव करना बेस्ट रहता है. जिन लोगों को पिगमेंटेशन की प्रॉबल्म हो, उन्हें मेकअप वाइप्स का कम मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से स्किन को ज्यादा नुकसान हो सकता है. लोग विज्ञापन में दी गई जानकारी को सच मानकर वाइप्स का यूज करने लगते हैं. वे अपनी स्किन टाइप का ध्यान भी नहीं रखते हैं. कहते हैं कि अगर पिगमेंटेशन की प्रॉब्लम है, तो वाइप्स की जगह मेकअप हटाने के लिए दूसरा तरीका ट्राई करना चाहिए.