अगर नींद के लिए गोलियों का सहारा लेतें है तो रुकिए ये प्राकृतिक उपाय रहेंगे फायदेमंद

प्राकृतिक उपाय रहेंगे फायदेमंद

Update: 2023-08-20 14:01 GMT
अच्छी नींद आना आवश्यक होता है क्योंकि इससे थकान दूर होकर शरीर ऊर्जा , शक्ति और ताकत से भर जाता है। आप तरोताजा होकर नए दिन की शुरुआत जोश के साथ कर पाते है। इससे याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। अनिद्रा के कारण आपको दिनभर सिर भारी रहना, उबासियां आना, किसी भी काम में मन न लगना आदि समस्याओं से गुजरना पड़ता है। रात को नींद का न आना अनिद्रा रोग की वजह से हो सकता है या फिर किसी चीज से डर या किसी काम को ले कर हमारी उत्सुकता की वजह से भी अक्सर नींद न आने की समस्या हो जाती है। अनिद्रा से बचने के लिए कुछ लोग नींद की गोलियों को सहारा लेते हैं लेकिन इसके बहुत से साइड इफेक्ट होते है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए प्राकृतिक उपायों का सहारा लेना सहीं रहता है। आइए ऐसे ही कुछ प्राकृतिक उपायों के बारे में जानें।
 पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में जायफल का प्रयोग नींद लाने में सहयोगी पदार्थ के रूप में सदियों से किया जा रहा है। जायफल लेने का सबसे प्रचलित तरीका ये है कि सोने से पहले इसकी एक चुटकी मात्रा दूध में डालकर पी लें। यदि आप दूध पसंद नहीं करते तो इसे पानी या फ्रूट जूस में मिलाकर भी ले सकते हैं।
आपको अगर नींद कम आती हो या देरी से आती हो तो रात को सोने से पहले दस मिनट के लिए पैरों को गरम पानी में डाल कर बैठे फिर पैरों को साफ़ करे और सो जाए। सोते वक़्त पैर गरम रखने से अच्छी और गहरी नींद आती है।
पारंपरिक चिकित्सकों द्वारा अनिद्रा के इलाज के लिए लैवेंडर का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन हाल ही के वर्षों में क्लीनिकल रिसर्च में हुए अध्ययन में भी यहीं माना कि लैवेंडर स्लीप डिसआर्डर के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा एसोसिएटेड स्लीप सोसायटी द्वारा किए गए निष्कर्ष के अनुसार, लैवेंडर के तेल अनिद्रा से राहत का एक प्रभावी साधन हो सकता है, विशेष रूप से महिलाओं और युवा लोगों में।
गर्म दूध पीने से आरामदायक अहसास मिलता है क्योंकि दूध में ट्रिप्टोफेन (Tryptophan) नामक यौगिक होता है जो एक प्राकृतिक निद्राकारक है। हल्के गर्म दूध के छोटे गिलास में एक चुटकी दालचीनी डालकर पीने से अच्छी नींद आती है।
ज्ञान मुद्रा बनाने के लिए तर्जनी अंगुली Index Finger व अंगूठे Thumb के सिरो को मिलाते है और बाकी तीन अंगुलियां सीधी रखते है। इसे दोनों हाथों में बनाएँ। इसे बैठे हुए , लेटे हुए , चलते हुए कभी भी किया जा सकता है। ये मुद्रा दिमाग के लिए बहुत लाभकारी है। इससे डिप्रेशन , गुस्सा , चिड़चिड़ापन दूर होते है। दिमागी शक्ति , स्मरण शक्ति व एकाग्रता बढ़ती है। मानसिक शांति मिलती है। अनिद्रा दूर होती है। ज्ञान मुद्रा एक योग मुद्रा है। अन्य योग मुद्राएँ भी बहुत लाभदायक होती है। ब्राह्मी का इस्तेमाल आमतौर पर मस्तिष्क के लिए किया जाता है। यह मस्तिष्क के लिए एक पौष्टिक टॉनिक तो है ही साथ ही यह मस्तिष्क को शान्ति भी देता है। लगातार मानसिक कार्य करने से थकान के कारण जब व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या होती है तो ब्राह्मी का आश्चर्यजनक असर देखने को मिलता है।
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