Hot flashes से परेशान हैं तो अपनाएं ये नुस्खे

Update: 2024-08-17 13:32 GMT
हेल्थ टिप्स Health Tips: 40 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में एग बनने की प्रक्रिया कम हो जाती है और ये अवस्था प्री मेनोपॉज रहती है। मेनोपॉज के प्रोसेस में महिलाओं के शरीर में काफी सारे बदलाव होते हैं। जिनमे नींद ना आना, मेटाबॉलिज्म खराब होना, वजन बढ़ना, हार्ट की बीमारियां, हड्डियों का कमजोर हो जाना काफी कॉमन है। इन समस्याओं के साथ एक समस्या होती है हॉट फ्लैश। जिसमे महिलाओं को सामान्य तापमान में भी अचानक से गर्मी लगने लगती है। जिससे बेचैने और घबराहट होती है। हॉट फ्लैश की समस्या ने निपटने के लिए महिलाओं प्री मेनोपॉज के समय से ही इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिससे कि 
Hot Flashes 
की दिक्कत परेशान ना करे।
हॉट फ्लैशेज की समस्या परेशान करती है तो अपनी लाइफस्टाइल में ये बदलाव जरूरी है।
-शरीर का तापमान अचानक से बढ़ जाता है और हॉट फ्लैशेज होने लगते हैं तो दवाओं को लेने से पहले दैनिक दिनचर्या में इन बदलावों को आजमाकर देख लें।
-रात को सोते वक्त हॉट फ्लैशेज की वजह से पसीना ज्यादा होती है और बिस्तर तक भीग जाता है। तो कमरे का तापमान कम रखने की कोशिश करें। साथ ही सोने से पहले ठंडा पानी पिएं। जिससे शरीर को ठंडक मिले।
-हमेशा पतले लेयर के कई कपड़े पहनें। जिससे उन्हें उतारना आसान हो। जब भी हॉट फ्लैशेज परेशान कर रहे हों तो कपड़े की कुछ लेयर उतारकर गर्मी को कम किया जा सके।
-अपने साथ छोटा पंखा साथ रखें। जिससे गर्मी लगने पर फौरन राहत देने का उपाय साथ हो। खासतौर पर जब आप घऱ के बाहर धूप या गर्मी में हो तो ये उपाय रिलैक्स करने में मदद करेंगे।
-एल्कोहल, स्पाइसी फूड, कैफीन की मात्रा को बिल्कुल ना लें। ये हॉट फ्लैश की समस्या
को और भी ज्यादा बढ़ा देती है।
-10 मिनट खुद के लिए निकाल लें। Meditation करने से हॉट फ्लैश की समस्या कम होती है।
-हॉट फ्लैश की समस्या ज्यादा वजन वाली महिलाओं को ज्यादा परेशान करती है। इसलिए वजन को कंट्रोल करने का प्रयास करें।
-स्टडी के मुताबिक जो महिलाएं फ्रूट, वेजिटेबल्स, अनाज को डाइट में ज्यादा लेती है और डेयरी फूड और एनिमल फूड को नियंत्रित मात्रा में लेती हैं। उनमे हॉट फ्लैश की समस्या कम देखी गई है।
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