सोने के लिए ले रहे हैं टीवी की मदद, तो ऐसे बदलें अपनी आदत

Update: 2024-05-08 01:56 GMT
लाइफस्टाइल : जबसे ओटीटी प्लेटफार्म और सोशल मीडिया का आगमन हुआ है, लोगों का स्क्रीन टाइम बहुत ही तेजी से बढ़ गया है। जहां ये एक अच्छा टाइम पास है और लोगों का मूड फ्रेश करता है, तो वहीं कुछ लोग सोने के लिए भी इसका प्रयोग करते हैं। ऐसे लोग जिन्हें अच्छी या जल्दी नींद नहीं आती है, वे सोने के लिए देर तक टीवी देखते रहते हैं और इसे देखते-देखते ही सो जाते हैं।
हालांकि, स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल हमारे लिए हानिकारक होता है। टीवी से निकलने वाली ब्लू लाइट हमारे शरीर में सोने के समय सक्रिय होने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के साथ छेड़छाड़ करती है और स्लीप साइकिल को भी प्रभावित करती है। इससे आंखें भी कमजोर होती हैं और साथ ही नींद पूरी नहीं होने से पूरा स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। ऐसे में इन 5 आसान सी ट्रिक्स अपना कर सोते समय टीवी देखने से बच सकते हैं-
म्यूजिक
म्यूजिक शरीर और दिमाग दोनों के ही लिए एक बहुत बेहतरीन थेरेपी है। एक स्टडी के अनुसार रात में सोते समय म्यूजिक सुनने से शरीर में ऑक्सीटोनिन लेवल बढ़ता है। यह ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम को शांत करने के साथ एंग्जायटी कम करता है, ब्लड प्रेशर कम करता है और अच्छी गहरी नींद लेने में मदद करता है। नाइट टाइम सॉफ्ट बीट्स के गानों की एक अच्छी प्लेलिस्ट बनाएं और सोते समय उसे चला कर सोएं।
ऑडियोबुक
ऑडियोबुक में बुक्स पढ़ने की जगह आप सुन सकते हैं। इसमें आप दिलचस्प कहानियां लेटे हुए सुन सकते हैं और इससे आप अपनी वर्तमान की परेशानियां भूल कर स्ट्रेस से दूर रहते हैं और अच्छी गहरी नींद में सोते हैं।
पॉडकास्ट
ऑडियोबुक की ही तरह पॉडकास्ट में आप किसी अच्छे पॉडकास्ट को सुन कर गेस्ट की दिलचस्प और प्रेरक बातों से प्रभावित होते हैं और सकारात्मक सोच के साथ गहरी नींद में चले जाते हैं।
वॉर्म बाथ
गुनगुने पानी से नहाने से शरीर का कोर तापमान नेचुरल तरीके से ठंडा होता है। साथ ही ये ब्लड प्रेशर भी संतुलित करता है, जिससे सुकून की नींद आती है।
मेडिटेशन
सोते समय करने वाले मेडिटेशन को माइंडफुलनेस मेडिटेशन भी कह सकते हैं। इसमें व्यक्ति मात्र वर्तमान के बारे में सोचता है, लंबी गहरी सांसें लेता है, जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है और बेहतर नींद आती है।
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