प्रेग्नेंसी के दौरान कितनी देर करना चाहिए एक्सरसाइज़ जाने
गर्भावस्था ज़्यादातर लोगों के लिए सबसे आसान सफर नहीं होती, लेकिन शरीर के अंदर एक जीवन के बढ़ने और विकसित होने के इस जादुई सफर से गुज़रना वास्तव में शरीर को कई तरह से बदल देता है।
गर्भावस्था ज़्यादातर लोगों के लिए सबसे आसान सफर नहीं होती, लेकिन शरीर के अंदर एक जीवन के बढ़ने और विकसित होने के इस जादुई सफर से गुज़रना वास्तव में शरीर को कई तरह से बदल देता है। लोकप्रिय धारणा यह है कि गर्भवती महिलाओं को एक्सरसाइज़ से बचना चाहिए, लेकिन असल में आप शारीरिक रूप से जितना सक्रिय होंगी, मां और बच्चे दोनों के लिए उतना अच्छा होगा।
एक्सरसाइज़ करने से शरीर फिट और स्वस्थ रहता है, इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को हफ्ते में 150 मिनट वर्कआउट करने की सलाह दी जाती है। इसलिए, किसी को भी फिटनेस लक्ष्यों को प्राप्त करने के रास्ते में गर्भावस्था को आड़े नहीं आने देना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के दौरान कैसी एक्सरसाइज़ करें?
जब आप एक्सरसाइज़ कर रहे होते हैं, तो अपने शरीर के हिसाब व्यायाम करें, शरीर को ज़्यादा थकाएं नहीं। आइए जानें कि गर्भवती महिलाएं किस तरह की एक्सरसाइज़ कर सकती हैं।
घुटनों के बल पुश-अप्स
इसके लिए प्लैंक पोज़ीशन में आ जाएं, बस अपने घुटनों को मोड़कर रखें या मैट पर टिका कर रखें।
अपने निचले पैर को ऊपर उठाएं ताकि यह चटाई से 45 डिग्री के कोण पर हो।
अब अपने हाथों की ताकत का उपयोग करके अपने ऊपरी शरीर को नीचे करें और इसे वापस ऊपर लाएं।
इसे 20 बार दोहराएं।
लेग रेज़ेज़
इसके लिए मैट पर आराम से लेट जाएं।
अब एक तरफ पलटें और अपने सिर को हाथों का सहारा दें।
दूसरे हाथ को कमर पर रखें।
अब एक पैर को ऊपर की ओर उठाएं और फिर नीचे लाएं।
इस एक्सरसाइज़ को 10 बार दोहराएं।
अब दूसरी तरफ भी इसी तरह करें।
स्क्वैट्स
अपने पैरों को कंधे की लंबाई के साथ दूर-दूर रखें।
हाथों को साथ लाएं और शरीर को थोड़ा झुकाएं।
ध्यान रखें कि आपके हिप्स ज़मीन के समानांतर हों।
शरीर को उठाएं और इसे दोहराएं।
इसे कम से कम 15 से 20 बार करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान कैसी एक्सरसाइज़ न करें?
गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से आपको अच्छा महसूस हो सकता है, लेकिन इसे न सिर्फ अत्यधिक सावधानी और बल्कि पूरी हिफाज़त के साथ करना चाहिए।
नीचे बताई गई एक्सरसाइज़ को बिल्कुल न करें
किक-बॉक्सिंग, टेनिस, बास्केटबॉल, स्क्वाश, घुड़सवारी और ऐसी ही एक्टिविटीज़ से चोट लग सकती है और यह ख़तरनाक साबित हो सकती हैं।
उच्च-तीव्रता वाले व्यायाम, जो शरीर के अधिक गरम होने का कारण बन सकते हैं, इनसे बचना चाहिए।
उन व्यायामों से बचना चाहिए जिनमें बहुत अधिक समय तक पीठ या पेट के बल लेटने की आवश्यकता होती है।
ऊंचाई पर चढ़ने और लंबी पैदल यात्रा से बचना चाहिए क्योंकि इससे मां और बच्चे की सेहत पर ख़तरा बढ़ सकता है।
वॉटर स्पोर्ट्स और स्कूबा डाइविंग जैसे व्यायाम से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए।