रोज़ वर्कआउट करने से कैसे कम होता है हार्ट अटैक का जोखिम?
रोज़ वर्कआउट करने से कैसे कम होता है हार्ट अटैक का जोखिम?
बॉलीवुड सिंगर केके की अचानक दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत ने सभी फैन्स को चौंका दिया है। वे सिर्फ 53 साल के थे। केके कोलकाता में लाइव परफॉर्मेंस दे रहे थे, जिसके ख़त्म होने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। दिल का दौरा पड़ने के पीछे कई तरह के कारण होते हैं, जैसे लाइफस्टाइल, उम्र, परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास और यहां तक कि प्रदूषण और तापमान में बदलाव जैसे वातावरण से जुड़े कारण भी वजह हो सकते हैं।
पिछले कुछ समय में लोग दिल की सेहत को लेकर जागरुक हुए हैं। इसके लिए लोगों ने लाइफस्टाइल में बदलाव या फिर ख़राब आदतों को छोड़ने जैसे काम किए हैं। इन्हीं में से एक उपाय है रोज़ एक्सरसाइज़ करना, जिससे दिल की बीमारी का जोखिम काफी हद तक कम किया जा सकता है।
क्या एक्टिविटी की कमी है कारण?
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन का कहना है कि अगर आप दिन भर एक्टिव रहते हैं, तो दिल स जुड़ी बीमारियों का ख़तरा 35 प्रतिशत कम हो जाता है। दूसरी तरफ अगर आप दिनभर ज़्यादातर समय आराम ही करते हैं, तो इससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। अमेरिकी हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार, लगभग दिल की बीमारी से होने वाली 35% मौते, शारीरिक निष्क्रियता के कारण होती हैं।
रोज़ वर्कआउट करने से कैसे कम होता है हार्ट अटैक का जोखिम?
हमारा दिल भी एक मांसपेशी है, और शरीर में बाकी मांसपेशियों की तरह इसे भी एक्सरसाइज़ करने से फायदे पहुंचता है। अगर दिल मज़बूत होगा तो वह आपके शरीर तो बिना किसी मेहनत के शरीर में ब्लड को पम्प कर सकेगा। हर रोज़ अगर आप एक्सरसाइज़ करेंगे, तो आपके दिल के साथ रक्त संचार प्रणाली भी बेहतर तरीके से काम करेगी, कोलेस्ट्रॉल कम होगा और ब्लड प्रेशर का स्तर भी हेल्दी रहेगा। रोज़ फिज़ीकल एक्टिविटी न सिर्फ आपके दिल की हिफाज़त करती है, बल्कि आपके मूड को बढ़ावा मिलता है, ध्यान और मेमोरी बेहतर होती है और आप अच्छी नींद ले पाते हैं। आप रोज़ वॉक, स्विम, डांस या फिर घर के काम और गार्डनिंग भी कर सकते हैं।
दिन में कितनी देर एक्सरसाइज़ करनी चाहिए?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, आपको हफ्ते में कम से कम 150 मिनट वर्कआउट ज़रूर करना चाहिए। एक्सरसाइज़ में कुछ भी शामिल हो सकता है जिससे आपकी दिल की धड़कने बढ़ जाएं, आप जल्दी-जल्दी सांस लें और गर्म महसूस करें, जैसे कि ब्रिस्क वॉक या फिर साइक्लिंग।
दिल की बीमारियों से और किस तरह बचाव किया जा सकता है?
हर महिलाओं का शादी के बाद वजन नहीं बढ़ता है।
शादी के बाद महिलाओं की बाडी, रंग व रूप में आते हैं ये परिवर्तन, आप भी जाने डाक्टर की सलाहदूसरे भी और कई तरीके हैं, जिनकी मदद से आप दिल की बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं, जैसे कि ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन लोगों को डायबिटीज़ होती है, उनमें दिल की बीमारी बढ़ जाने का जोखिम अधिक हो जाता है। इसके अलावा स्मोक करने से भी धमनियों को नुकसान पहुंचता है। शराब का सेवन भी दिल के दौरे के ख़तरे को बढ़ाता है।