अक्सर हमारे शरीर के किसी भी भाग में गांठे बन जाती हैं। जिन्हें सामान्य भाषा में गठान या रसौली कहा जाता हैं। किसी भी गांठ की शुरुआत एक बेहद ही छोटे से दाने से होती हैं। लेकिन जैसे ही ये बड़ी होती जाती हैं। इन गाठों की वजह से ही गंभीर बीमारियां भी हो जाती हैं। वैसे तो ऑपरेशन आदि तकनीकों का इस्तेमाल करके इन गांठों का इलाज करवाया जा सकता है लेकिन उनमे होने वाले खर्च के चलते हर व्यक्ति ये ऑपरेशन नहीं करवा पाते। इसीलिए आज हम आपको शरीर में होने वाली हर प्रकार की गांठ के आयुर्वेदिक इलाज बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप भी अपनी इन गांठो से छुटकारा पा सकते है।
गेहूं का आटा :
गेहूं का आटा लें और उसमें पानी डाल लें। अब इस आटे में पापड़खार मिला लें और इसका सेवन करें। आपको लाभ होगा।
आकडे का दूध :
गाँठ को ठीक करने के लिए आप आकडे के दूध में मिटटी मिला लें। अब इस दूध का लेप जिस स्थान पर गाँठ हुई हैं। वहाँ पर लगायें आपको आराम मिलेगा।
कांचनार और रोहतक :
2 से 5 ग्राम कांचनार और रोहतक का दिन में दो-तीन बार सेवन व बाह्य लेप करने से गाँठ पिघलती है।
निर्गुन्डी :
किसी भी प्रकार की गांठ से छुटकारा पाने के लिए 20 से 25 मिली काढ़ा लें। अब इसमें 1 से 5 लीटर अरंडी का तेल मिला लें। अच्छे से मिलाने के बाद इस मिश्रण का सेवन करें। कुछ ही दिनों के लगातार सेवन से आपकी गांठ ठीक होने लगेगी।
गण्डमाला गाँठ :
क्रौंच के बीज को घिस कर दो तीन बार लेप करने तथा गोरखमुण्डी के पत्तों का आठ-आठ तोला रस रोज पीने से गण्डमाला में लाभ होता है। तथा कफवर्धक पदार्थ न खायें।
कचनार की छाल और गोरखमुंडी :
किसी भी तरह की गाँठ को ठीक करने के लिए 25 से 30 ग्राम तक कचनार की ताज़ी और सुखी छाल लें और इसे मोटा – मोटा कूट लें। अब एक गिलास पानी लें और इस पानी में कचनार की कुटी हुई छाल डालकर 2 मिनट तक उबाल लें। जब यह अच्छी तरह से उबल जाएँ। तो इसमें एक चम्मच पीसी हुई गोरखमुंडी डाल दें। अब इस पानी को एक मिनट तक उबालें। इसके बाद आप इस पानी को छानने के बाद इसका दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं। इस पानी का सेवन करने के बाद आपको गलें, जांघ, हाथ, प्रोटेस्ट, काँख, गर्भाशय, टॉन्सिल, स्तन तथा थायराइड के कारण निकली हुई गाँठ से लगातार 20 – 25 दिनों तक सेवन करने से छुटकारा मिल जाएगा।