Health: थायरॉइड की समस्या होने पर वजन तेजी से घटने या बढ़ने लगता है, जिससे शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। हालांकि, सही दवाइयों, आयुर्वेदिक उपायों और हेल्दी डाइट से थायरॉइड को नियंत्रित किया जा सकता है। खासकर कुछ खास जूस को डाइट में शामिल करके इस समस्या को कम किया जा सकता है। आइए जानें कौन-कौन से जूस थायरॉइड को काबू करने में सहायक हो सकते हैं।
लौकी का जूस:लौकी का जूस थायरॉइड के लिए बेहद फायदेमंद है। रोजाना खाली पेट लौकी का जूस पीने से थायरॉइड को नियंत्रित किया जा सकता है।
कैसे बनाएं:ताजी लौकी लें और छीलकर उसके टुकड़े कर लें। मिक्सर में इसे पीसकर छान लें और ताजा जूस बनाएं। जूस में हल्का सा नींबू या पुदीना डालकर पी सकते हैं।
लाभ:- यह शरीर में एनर्जी बूस्टर का काम करता है
- शरीर की ताकत को बढ़ाता है
- वजन कम करने में सहायक है
- थायरॉइड के लक्षणों को धीरे-धीरे कम करता है
चकुंदर और गाजर का जूस:गाजर और चकुंदर का जूस पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। यह थायरॉइड के साथ-साथ अन्य बीमारियों को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
कैसे बनाएं: एक गाजर, एक चकुंदर, एक अनार और एक सेब लें। इन्हें धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। मिक्सर में डालकर जूस बना लें। स्वाद के लिए थोड़ा काला नमक या नींबू मिला सकते हैं।
लाभ:- आयरन, विटामिन ए और फोलिक एसिड की कमी को पूरा करता है
- थायरॉइड को नियंत्रित रखता है
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
- त्वचा में निखार लाता है
जलकुंभी का जूस:जलकुंभी का जूस थायरॉइड और मोटापे को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसे डॉक्टर की सलाह से डाइट में शामिल किया जा सकता है।
कैसे बनाएं: दो कप ताजी जलकुंभी के पत्ते और दो सेब लें। इन्हें धोकर टुकड़ों में काट लें। मिक्सर में डालकर पीसें और इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं।
लाभ:- शरीर को डिटॉक्स करता है
- मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है
- थायरॉइड और वजन को नियंत्रित करता है
- पाचन तंत्र को सुधारता है